आशीर्वाद संबोधन में श्री क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर ने कहा कि ये मनुष्य जीवन बड़ा दुर्लभ है। संत व शास्त्र बताते हैं कि कई योनियों में भटकने के बाद ये मानव जीवन मिलता है इसलिए हमे इस जीवन की दुर्लभता, क्षणभंगुरता व श्रेष्ठता पर विचार करना चाहिए।
श्रेष्ठ लोगों का चिंतन भी श्रेष्ठ होना चाहिए, क्या हमारे चिंतन में अन्य लोगो के प्रति पीड़ा को समझने का श्रेष्ठ भाव है,इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षत्रिय युवक संघ के शिविर में सबसे पहले जीवन के उद्देश्य के बारे में बताया जाता है। ईश्वर को प्राप्त करने के अलावा मानव जीवन का कोई उद्देश्य नही है। अंत में सभी शिविरार्थियों को उनके उज्ज्वल जीवन के लिए शुभकामनाएं प्रदान की।श्री प्रताप फाउंडेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ी ने अपने उद्बोधन प्रताप फाउंडेशन के गठन,इसकी संघ से संबद्धता व इसकी कार्ययोजना के बारे में बताया।
चिंतन शिविर में समाज राजनेताओं के व राजनेता समाज के किस प्रकार सहयोगी हो सकते हैं, राजनीतिक पार्टियों के संगठनात्मक स्वरूप में भागीदारी बढ़ाने, अनियंत्रित सोशल मीडिया का किस प्रकार सदुपयोग हो सहित विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। महेन्द्रसिंह तारातरा ने बताया कि अक्टूबर व नवंबर में जिला व विधानसभा स्तर पर श्री प्रताप फाउंडेशन के बैनर तले बैठकें करने की योजना बनी।