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पानी के लिए करते पहरेदारी, आंखों में गुजरती रात

- रात कटती आंखों में तब मिलता नीर, बॉर्डर की यहीं तकदीर- बाड़मेर जिले के सरहदी गांवों में पेयजल संकट- सरकारी प्रयास नाकाफी, बेरियों का पानी भी हो रहा जमीदोज, होती पानी की पहरेदारी

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पानी के लिए करते पहरेदारी, आंखों में गुजरती रात

पानी के लिए करते पहरेदारी, आंखों में गुजरती रात



दिलीप दवे
बाड़मेर. पानी की कीमत बाड़मेर जिले के सीमावर्ती मठारानी मेघवाल, सिरगुवाला, दुथोड, मायाणी, गड़स, खंगारानी, बुलाणी, पनिया,ढंगारी, हापिया, फांगली, धनुआणि, रासलानी, कम्भीर की बस्ती, पूंजराज का पार, पते का पार, रतरेड़ी कला,खबडाला ग्राम पंचायत के कई गांवों वालों से बेहतर भला कौन समझ सकता है। यहां पानी के लिए रात आंखों में गुजरानी पड़ती है तब जाकर चंद घड़े पानी मिलता है। क्योंकि सरकारी योजनाओं से यहां पानी पहुंच नहीं रहा और बेरियों में पानी पूरी रात इतना एकत्रित होता है कि पहरेदारी नहीं करे तो दूसरों कोई ले जाता है। ऐसे में रात में बेरियों पर पहरा देकर बैठना पड़ता है।
बाड़मेर जिले के सरहदी गांवों मे पीने का पानी किसी खजाने से कम नहीं है। लोग सोने-चांदी के लिए पहरेदारी करते हैं, लेकिन बॉर्डर में पानी को लेकर पहरेदारी होती है। आजादी के ७३ साल बाद भी यहां यह स्थिति है। पनिया, गड़स, लोहड़ा व रोहिडाला आदि गांवों में जीएलआर व पानी के ट्यूबवैल तो हैं, 2001 में लगी पेयजल लाइन टूटने से गांवों तक पानी पहुंच नहीं रहा। हालांकि विभागीय दावा के है कि कई गांवों में खलीफा की बावड़ी से नियमित जलापूर्ति हो रही है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पानी उनके गांव तक पहुंच नहीं रहा।
रात भर रिसाव, सुबह मिलता पानी- इन गांवों में पेयजल का स्रोत पुराने कुएं और बावडिय़ां है। पानी रसातल पहुंच रहा है। ऐसे में पूरी रात थोड़ा पानी का रिसाव होकर बावड़ी, कुओं में पानी एकत्रित होता है। सुबह लोग आठ-दस घड़ों की पखाल भर कर पानी ले जाते हैं। ऐसे में किसी दिन देरी हो जाए तो पानी नहीं मिल पाता, जिसके कारण रात में पहरेदारी करनी होती है।
आधी जिंदगी पानी सहेजने में गुजर रही- यहां के लोगों की जिंदगी अपने परिवार व पशुओं को पानी उपलब्ध करवाने तक ही सीमित है। गर्मियों में तो पूरा दिन इस चिंता में गुजर जाता है कि पानी का प्रबंध होगा या नहीं।

सालों से नहीं आया पानी-
गांव में पानी कई वर्षों से नहीं
आ रहा है। हम लोग पानी के लिए रातभर जागते रहते हैं। पशुधन के लिए पानी का प्रबंध करना मुश्किल हो रहा है।-
महेंद्रसिंह सोढा, निवासी पनिया
पानी को लेकर त्राहि- त्राहि- इस भीषण गर्मी में सरहदी क्षेत्र में पानी की त्राहि त्राहि मची हुई है। सरकार टैंकरों से जलापूर्ति कर पेयजल प्रबंध करे।- भोमसिंह राठौड़ युवा नेता
लीकेज की समस्या, पनिया में ट्यूबवैल की मांगी स्वीकृति- बिजावल, समन्द का पार, हापिया, रासलानी में खलीफा की बावडी से नियमित जल आपूर्ति की जा रही है। रोहिड़ाला में ट्यूबवैल चालू है, पाइप लीकेज की समस्या हैं जिसे ठीक करवा दिया जाएगा। पनिया में नए ट्यूबवैल की स्वीकृति मांगी है, मिलते ही कार्य शुरू किया जाएगा। बिजलावल में ट्यूबवैल खोदा लेकिन सूखा निकला, जिस पर बंद किया गया।-
- बिजेंद्र प्रसाद मीणा
सहायक अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग गडरारोड


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