
पानी वाली रेल बंद, जीएलआर सूखा, ढाई सौ घरों में पेयजल संकट
रामसर. लॉक डाउन ने ग्राम पंचायत भाचभर में बख्ते की बेरी के ढाई सौ घरों की प्यास पर लॉक लगा दिया है। इस गांव में पेयजल का स्थायी स्रोत एक तरह से रेल थी, जिसके यहां पहुंचने पर लोग पानी भरने पहुंच जाते हैं। अब रेल सेवा ठप है तो गांव में पानी पर भी लॉक डाउन लग गया है। हालांकि कहने को तो यहां जी एलआर भी है, लेकिन वहां पानी सालों से नहीं आया है। बख्ते की बेरी रेलवे स्टे शन पर सरकार ने जीएलआर बना रखा है जो राम देरिया खड़ीन से जुड़ा हुआ है। जो वर्तमान में जर्जर हालात में है, जिसमें कभी कभार की पानी आता है। यहां पेयजल आपूर्ति पणि हारिनों की लम्बी लाइन लग जाती है। वहीं, जोगियों की दड़ी, संतों का वास, गवारियों की ढाणियों से भी महिलाएं पानी लेने आती है।
पहले बाड़मेर से आने वाली रेल से पानी की आपूर्ति होती थी, लेकिन लॉक डाउन होने पर यह सेवा अब बंद है। ऐसे में गांव में पानी की किल्लत हो रही है। ग्रामीणों के अनुसार जलदाय विभाग को कई बार अवगत करवाया, लेकिन जलापूर्ति नहीं होने से अब लोग रेल शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
डेढ़ माह से जलापूॢत नहीं- बख्ते की बेरी, भाचभर स्टेशन पर पिछले डेढ़ माह से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। ग्रामीणों को महंगे दामों पर पानी डलवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। राम देरिया से आने वाली पाइप लाइन बीच में टूटी हुई है, जिससे जीएलआर में पानी नहीं आ रहा है। ग्रामीण एवं पशु पालक परेशान है।-
बगता राम, वार्ड पंच, भाचभर
शीघ्र शुरू होगी जलापूर्ति-
टूटी हुई पाइप लाइन की अति शीघ्र मरम्मत करवा पानी की आपूर्ति शुरू करवाएंगे। ग्रामीणों की पेय जल की समस्या का जल्द ही हल होगा।-
बृजमोहन, सहा यक अभियंता जलदाय विभाग रामसर
Published on:
10 Apr 2020 08:30 am
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