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बिगड़ी जलापूर्ति, लोग बूंद-बूंद पानी को तरसे

सर्दी के मौसम में भी जलदाय विभाग आठ से नौ दिन के अंतराल में जलापूर्ति कर रहा है। ऐसे में रहवासी बूंद -बूंद पानी को तरस गए हैं। जलदाय विभाग के पुराने सिस्टम से जलापूर्ति करने से ग्रामीणों की हालत खस्ताहाल हो रखी है।

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Water supply deteriorates, people yearn for water

Water supply deteriorates, people yearn for water

सिवाना. सर्दी के मौसम में भी जलदाय विभाग आठ से नौ दिन के अंतराल में जलापूर्ति कर रहा है। ऐसे में रहवासी बूंद -बूंद पानी को तरस गए हैं। जलदाय विभाग के पुराने सिस्टम से जलापूर्ति करने से ग्रामीणों की हालत खस्ताहाल हो रखी है।

कस्बे में विगत वर्षों में बढ़ी आबादी पर जलदाय विभाग ने नई पेयजल लाइनें बिछाई, लेकिन जलापूर्ति के लिए उच्च जलाशय नहीं बनाए। इस पर आज भी पुराने सिस्टम से जलापूर्ति की जा रही है।

इससे आठ -नौ दिन अंतराल में हो रही जलापूर्ति पर कस्बेवासी राहत को तरस गए हैं। मोल-महंगा पानी खरीदकर प्यास बुझा रहे हैं।

पोकरण-फलसुण्ड- बालोतरा-सिवाना योजना में पानी स्टोरेज के लिए पादरड़ी कल्ला के पास उच्च जलाशय का निर्माण शुरू किया गया था। लेकिन बजट अभाव में यह आज भी अधूरा है। इस पर परेशान ग्रामीण 500 रुपए टंकी के चुकाकर जरूरतें पूरी करते हैं।

नहीं होती सुनवाई

कस्बे में जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। बंूद-बूूंद पानी को तरस गए हैं। कहीं कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। कमजोर व गरीब परिवारों की हालत खराब हो रखी है। सरकार परियोजना कार्य शीघ्र पूरा करवाकर मीठा पानी उपलब्ध करवाएं।

- रामनिवास आचार्य, पूर्व सरपंच सिवाना
पानी खरीदना मजबूरी

कस्बे में पेयजल वितरण नाम की कोई चीज नहीं है। सर्दी में भी पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। अधिकारी, जनप्रतिनिधि समाधन नहीं कर रहे हैं। इस पर आमजन महंगा पानी खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर है।

- पृथ्वीसिंह रामदेरिया, पूर्व जिला परिषद सदस्य सिवाना


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