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फाइनेस कम्पनी ने जबरन उठाई गाड़ी तो पड़ा लाखों का फटका

- जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग बाड़मेर ने सुनाया फैसला

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फाइनेस कम्पनी ने जबरन उठाई गाड़ी तो पड़ा लाखों का फटका

बाड़मेर. जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग बाड़मेर ने पन्द्रह साल पुराने मामले में प्रार्थी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए फाइनेंस कम्पनी पर वाहन की कीमत, ब्याज, मानसिक वेदना और परिवाद व्यय की रा शि दो माह में अदा करने के आदेश दिए।

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आयोग अध्यक्ष शंकरसिंह पुरोहित व सदस्य स्वरूपसिंह ने 2007 में प्रार्थी मुकेशकुमार बंसल हायर सैकेंडरी स्कूल की गली बाड़मेर की ओर से दायर प्रकरण में सुनवाई की। दायर प्रकरण में प्रार्थी ने बताया कि उसने फाइनेंस कम्पनी से वित्तीय सुविधा प्राप्त कर फरवरी 2002 में ट्रक खरीदा। इस ऋण की अदायगी 36 किश्तों में करनी थी जो उसने की। प्रार्थी ने प्रकरण में बताया कि रा शि की अदायगी के बाद भी कम्पनी ने हिसाब की जानकारी नहीं दी और 2005 में ट्रक उससे छीन कर कब्जे में ले लिया। इस पर उसने मंच में प्रकरण दायर किया।

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प्रार्थी ने दावा करते हुए बताया कि उसने समय पर तय किश्तों को भर दिया। वहीं उसने जिला परिवहन अधिकारी को भी शिकायत की कि उसके ट्रक को कम्पनी वाले जबरन ले गए हैं और वे उसे अन्य को बेचना चाह रहे हैं जिस पर परिवहन कार्यालय बेचान के आधार पर गाड़ी के कागजात न बदलें। जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग बाड़मेर ने वि भिन्न पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुनाते हुए विप्रार्थी प्रथम फाइनेंस कम्पनी पर वाहन क तत्कालीन कीमत आठ लाख रुपए, वाहन जब्त करने से रा शि अदा करने तक सात फीसदी ब्याज, मानसिक परिवेदना के पचास हजार रुपए व परिवाद व्यय दो माह में करने के आदेश दिए। दो माह में भुगतान नहीं होने पर सात फीसदी ब्याज सहित रकम देने को कहा।


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