
साक्षात्कार : व्याख्यता से पुलिस उप अधीक्षक तक कैसे पहुंचे, चुनौतियों के बारे में क्या कहते हैं ..पढिए
कोटपूतली. सीकर के बकरा व्यापारियों से सरूण्ड थाना क्षेत्र में हुई 45 लाख लूट के 12 आरोपियों को पहाड़ों में तलाश करना व पकडऩा ाासा रोमांचकारी रहा। नीमकाथाना क्षेत्र में पहली पोस्टिंग के दौरान ही छह-छह थानों की कमान संभालना और कानून व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीभरा था। यह कहना है वर्ष 2015 बैच के आरपीएस अधिकारी Deputy Superintendent of Police कोटपूतली पुलिस उप अधीक्षक दिनेश यादव का। पत्रिका से सीधी बातचीत में उन्होंने अपनी कई यादगार बातें बताई। यादव से बातचीत के कुछ अंश...
सवाल..... ग्रामीण परिवेश से इस स्तर तक कैसे पहुंचे?
अलवर जिले की मुंडावर तहसील के गांव भीखावास में सुविधाओं के अभाव के बावजूद आठवीं तक की शिक्षा गांव में प्राप्त की। सैकण्डरी बर्डोद तथा अलवर से बीए और राजस्थान विश्वविद्यालय से एमए व एमफिल किया। कॉलेज व्यायाता पद पर चयन हुआ और हिन्दी साहित्य व्यायाता के रूप में ढाई साल कार्य किया। इसके बाद आरएएस की तैयारी शुरू की और पहले प्रयास में सहायक वाणिज्य कर अधिकारी पद पर चयन हुआ, यहां भी ढाई साल कार्य किया। कार्य के दौरान ाी मन में पुलिस सेवा में जाने की धुन थी। पुलिस सेवा में रहकर व्यापक क्षेत्र में समाज सेवा का अवसर मिलता है। इसलिए दूसरी बार में चयन हुआ।
सवाल......पुलिस सेवा में सबसे बड़ी जिमेदारी किसे मानते हैं?
पुलिस सेवा में कानून व्यवस्था की जिमेदारी बड़ा दायित्व है। वर्दी का अलग ही समान है, इसे पहनकर आत्म संतुष्टि मिलती है। वर्दी का समान रखना व कानून व्यवस्था सबसे बड़ी जिमेदारी है।
सवाल... कार्य के दौरान किसी प्रकार का दबाव रहा?
सेवाकाल के दौरान काी राजनीतिक व उच्च अधिकारियों का दबाव महसूस नहीं किया। ईमानदारी व निष्ठा से काम करने पर किसी तरह का दबाव आड़े नहीं आता है। दोनों पक्षों की बात सुनकर व उनसे समझाइश करने से कई बड़े मामले सुलझ जाते हैं।
सवाल.... सड़क हादसों में कमी के लिए आपके प्रयास?
क्षेत्र में पिछले एक साल में राजमार्ग व शराब ठेकों पर लूट में कमी आई है। राजमार्ग पर खड़े वाहनों से कई बड़े हादसे हुए हैं। एेसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इससे इस पर अंकुश लगा है।
सवाल.....परिवार और काम में सामंजस्य?
पुलिस में 24 घण्टे ड्यूटी रहती है। जितना समय परिवार को देना चाहिए उतना नहीं दे पाते हैं। उनकी पत्नी प्रियंका यादव भी कॉलेज व्यायाता है। इसलिए आपसी समझ से परिवार के लिए समय निकाल लेते हैं। पत्नी की छुट्टियां अधिक होने से परेशानी नहीं होती है।
सवाल......समाज के लिए आपकी प्राथमिकताएं?
परिवादियों को सुनकर उनकी समस्याओं का समाधान व महिला अत्याचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई पहली प्राथमिकता रहती है। इसके अलावा पीडि़त को न्याय दिलवाने से भी सुकून मिलता है।
Published on:
16 Mar 2020 11:35 pm
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