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स्कूलों में नहीं खुल सकती दुकान, बाजार से खरीदने की छूट, हो सकती मान्यता निरस्त

निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने गाइन लाइन जारी कर रखी है। लेकिन हैरानी की बात है कि विभाग इस गाइड लाइन को जारी कर भूल गया। विभाग ने गाइड लाइन में स्पष्ट लिखा है कि निजी स्कूल परिसर में पुस्तक और ड्रेस सहित अन्य सामान की बिक्री के लिए नहीं कर सकते। इतना ही नहीं, पुुस्तक और अन्य सामग्री पर किसी भी स्कूल का नाम अंकित नहीं हो सकता।

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RTE Act

RTE Act

जयपुर। निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने गाइन लाइन जारी कर रखी है। लेकिन हैरानी की बात है कि विभाग इस गाइड लाइन को जारी कर भूल गया। विभाग ने गाइड लाइन में स्पष्ट लिखा है कि निजी स्कूल परिसर में पुस्तक और ड्रेस सहित अन्य सामान की बिक्री के लिए नहीं कर सकते। इतना ही नहीं, पुुस्तक और अन्य सामग्री पर किसी भी स्कूल का नाम अंकित नहीं हो सकता। वहीं, अभिभावक पर किसी भी दुकान विशेष से पुस्तकें और अन्य सामग्री के क्रय का दबाव नहीं बनाया जाएगा। गाइड लाइन की पालना नहीं करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता तक निरस्त की जा सकती है। इधर, विभाग ने गाइड लाइन तो कर दी, लेकिन समय के साथ विभाग भी गाइड लाइन को भूल गया। हालात यह है कि अ भिभावकों को पता तक नहीं है कि इस मामले में कहां शिकायत करें। इसी बात का फायदा उठाकर निजी स्कूल मनमानी कर महंगी किताबें बेच रहे हैं।

जानिए क्या-क्या है विभाग की गाइड लाइन

- पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म और अन्य सामग्री न्यूनतम तीन स्थानीय विक्रेताओं के पास उपलब्ध होनी चाहिए
- किसी भी बोर्ड या मंडल से संबंद्ध स्कूलों पर गाइड लाइन प्रभावी होगी
- निजी स्कूल वेबसाइट संचालित करेंगे। वेबसाइट न होने पर समस्त जानकारी नोटिस बोर्ड पर देंगे।
- स्कूल विवेकानुसार एनसीईआरटी /राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल /प्रारंभिक शिक्षा बोर्ड/निजी प्रकाशकों की ओर से पाठ्यक्रम के अनुसार प्रकाशित पाठ्य पुस्तकों में से विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए पुस्तकों का चयन कर सकेंगे।
- सत्र शुरू होने से दो माह पूर्व पुस्तकों की सूची, लेखक और प्रकाशक का नाम मूल्य के साथ अपने विद्यालय के सूचना पटल या वेबसाइट पर प्रदर्शित करेंगे
- विद्यार्थियों और अभिभावकों के मांगने पर उन्हें पुस्तक उपलब्ध कराएंगे, ताकि विद्यार्थी और उनके अभिभावक इन पुस्तकों को उनकी सुविधा से खुले बाजार से क्रय कर सकें।
- विद्यार्थियों के लिए निर्धारित की जाने वाली यूनिफॉर्म कम से कम 5 वर्षों के लिए होगी

अभिभावक शिक्षा संकुल में करें शिकायत
- शहर में निजी स्कूलों की मनमानी से अगर आप परेशान हैं। स्कूल में महंगी किताबें या फिर ड्रेस मजबूरी में खरीदनी पड़ रही हैं तो जिला शिक्षा अ धिकारी माध्यमिक कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं। शिकायत पत्रिका माय सिटी फेसबुक पेज पर भी साझा कर सकते हैं।

डीईओ बोले शिकायत आई तो कार्यवाही करेंगे
स्कूलों में महंगी किताब और खरीदने का दवाब बनाने की शिकायत नहीं आती है। अ भिभावक चाहें तो कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं। हम स्कूलों पर कार्यवाही करेंगे।-राजेन्द्र शर्मा हंस, जिला शिक्षा अ धिकारी माध्यमिक

इधर, दो स्कूलों पर सख्ती...एक को नोटिस, दूसरा बंद करवाया
आरटीई (RTE ACT) के तहत चयनित बच्चों से शुल्क मांगने के मामले में निजी स्कूल को शिक्षा विभाग ने नो टिस जारी किया है। सिरसी रोड आदिनाथ नगर स्थित स्कोटल हाई स्कूल की शिकायत मिली थी कि इस स्कूल में पहले से ही आरटीई के तहत पढ़ाई कर रहे बच्चों का शुल्क मांगा जा रहा है। डीईओ राजेंद्र शर्मा हंस ने बताया कि आरटीई के प्रवेश होने के बाद कोई भी निजी स्कूल शुल्क की मांग नहीं कर सकते। शुल्क की मांग करना एक्ट का उल्लंघन हैं। स्कूल प्रिंसिपल को इस मामले पर पक्ष रखने के लिए 12 अप्रैल को तलब किया गया है। दूसरे मामले में शुक्रवार को राजकीय अवकाश के बाद भी स्कूल खोलने पर राजस्थान गर्ल्स एंड बॉयज स्कूल को बंद करवाया गया। स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

इधर, दो स्कूलों पर सख्ती...एक को नोटिस, दूसरा बंद करवाया
आरटीई (RTE ACT) के तहत चयनित बच्चों से शुल्क मांगने के मामले में निजी स्कूल को शिक्षा विभाग ने नो टिस जारी किया है। सिरसी रोड आदिनाथ नगर स्थित स्कोटल हाई स्कूल की शिकायत मिली थी कि इस स्कूल में पहले से ही आरटीई के तहत पढ़ाई कर रहे बच्चों का शुल्क मांगा जा रहा है। डीईओ राजेंद्र शर्मा हंस ने बताया कि आरटीई के प्रवेश होने के बाद कोई भी निजी स्कूल शुल्क की मांग नहीं कर सकते। शुल्क की मांग करना एक्ट का उल्लंघन हैं। स्कूल प्रिंसिपल को इस मामले पर पक्ष रखने के लिए 12 अप्रैल को तलब किया गया है। दूसरे मामले में शुक्रवार को राजकीय अवकाश के बाद भी स्कूल खोलने पर राजस्थान गर्ल्स एंड बॉयज स्कूल को बंद करवाया गया। स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा गया है।