8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

test – नरेंद्र मोदी Censored : जब मोदी का इंटरव्यू करके मुश्किल में पड़ गया था DD न्यूज़

बीते पांच साल में नरेंद्र मोदी की छवि ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में गढ़ी गई जिसमे अक्सर सवाल उठे कि वह मीडिया से संवाद नहीं करते हैं. मीडिया का एक बड़ा हिस्सा यह भी कहता है कि उनकी सत्ता के दौरान पत्रकारों की आज़ादी का गला घोंटा जा रहा है. सरकार के खिलाफ लिखने, बोलने वाले पत्रकारों की नौकरियां संकट में हैं. नोटिस भेजे जा रहे हैं. लेकिन नई किताब 'नरेंद्र मोदी सेंसर्ड' इन तमाम सवालों को ख़ारिज करती है. वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव की लिखी किताब कहती है कि बीते पांच साल में मीडिया की आज़ादी को लेकर यह ए

2 min read
Google source verification

बस्सी

image

Techfriends

Jan 09, 2020

modi.jpg

साल 2014 के 16वीं लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और तत्कालीन एनडीए के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का एक इंटरव्यू दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ. मोदी के इस इंटरव्यू ने खूब सुर्खिया बटोरी क्योंकि उस वक़्त सरकार मनमोहन सिंह की थी और चुनाव से पहले विरोधी खेमे के पीएम उम्मीदवार का इंटरव्यू पब्लिक ब्रॉडकास्टर पर प्रसारित होना खुद सत्ताधारी पार्टी के लिए असहज स्थिति थी. किताब 'नरेंद्र मोदी सेंसर्ड' में पहली बार यह खुलासा किया गया है कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने मोदी के उस इंटरव्यू को सेंसर्ड करने की भरपूर कोशिश की लेकिन फिर भी वह इस इंटरव्यू को प्रसारित होने से नहीं रोक पायी.

27 अप्रैल 2014 को यह इंटरव्यू जैसे ही डीडी न्यूज़ न्यूज़ पर प्रसारित हुआ यह न्यूज़ चैनलों की सुर्खियां बन गया. क्योंकि मीडिया को इंटरव्यू न देने की छवि वाले नरेंद्र मोदी से इंटरव्यू लेने के लिए देशभर की मीडिया लगातार कोशिश कर रही थी. इस इंटरव्यू को लेकर विवाद तब और भी बढ़ गया जब देश के सबसे बड़े अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में खबर छपी कि ''इस इंटरव्यू में प्रियंका गांधी को नरेंद्र मोदी ने अपनी बेटी जैसी बताया लेकिन डीडी ने इंटरव्यू के इस हिस्से को सेंसर्ड कर दिया''.

इस खबर के बाद प्रियंका गांधी को भी सामने आना पड़ा और कहना पड़ा कि ''मेरे पिता सिर्फ राजीव गांधी हैं''. इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार माने जाने वाले अहमद पटेल को अपना दोस्त बताया, जिसके बाद खुद अहमद पटेल को कांग्रेस में असहज स्थिति का सामना कारण पड़ा.

मोदी का इंटरव्यू दिखाने को कैसे मजबूर हुआ डीडी ?

नरेंद्र मोदी Ayodhya verdict का इंटरव्यू करना हमेशा से ही पत्रकारों के लिए बड़ी उपलब्धि पाने जैसा रहा है. दूरदर्शन को लेकर धारणा यही रही है कि वह सरकार द्वारा नियंत्रित है. यानी जो पार्टी सत्ता में होगी प्रसारक उसी के अनुसार चलेगा. यही कारण है कि यूपीए सरकार के दौर में दूरदर्शन पर एनडीए के पीएम उम्मीदवार का इंटरव्यू चर्चा का विषय बन गया. किताब नरेंद्र मोदी सेंसर्ड में अशोक श्रीवास्तव लिखते हैं कि इस इंटरव्यू को प्रसारित करना उनके लिए नाक का सवाल बन गया था. दूरदर्शन मैनेजमेंट इस इंटरव्यू को प्रसारित करने के लिए आसानी से राजी हो रहा था और गुजरात सीएम मोदी के दफ्तर से लगातार इंटरव्यू प्रसारित करने का समय पूछा जा रहा था.

श्रीवास्तव ने अहमदाबाद जाकर यह इंटरव्यू लिया था और जैसे ही वह दिल्ली पहुंचे उन्होंने अपने ट्विटर पर इस बात की जानकारी दे दी कि दूरदर्शन जल्द नरेंद्र मोदी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू प्रसारित करने जा रहा है. ट्विटर से यह जानकारी सामने आने के बाद दूरदर्शन का दफ्तर मुश्किल में आ गया. दफ्तर में बैठकों का दौर शुरू हो गया. इंटरव्यू लेने और ट्विटर पर जानकारी देने वाले अशोक श्रीवास्तव को डीडी न्यूज़ के डायरेक्टर जनरल (डीजी) एसएम खान ने तलब किया और सवालों की झड़ी लगा दी- Ayodhya verdict

मसलन ''तुमने मोदी के इंटरव्यू को लेकर कुछ ट्वीट किया था''? ... ''किसके कहने पर तुमने ऐसा किया ? ''... '' तुम कौन होते हो यह डिसाइड करने वाले कि हम मोदी का इंटरव्यू कब दिखाएंगे...?'' डीजी एसएम खान इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार अशोक श्रीवास्तव से बोले ''तुम्हारा काम था इंटरव्यू लेना. उसे दिखाना, नहीं दिखाना, इंटरव्यू कब दिखाना है ये ऑफिस तय करेगा''. हालांकि इंटरव्यू में कई कट लगाने के बाद इसे दिखाना डीडी की मजबूरी बन गया. किताब में इस तरह के कई रोचक खुलासे किये गए हैं.