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बस्तर का कड़कनाथ छाया हैदराबाद तक, वहां से आयात होगी सीधे ठंडे देशों में, पढ़े खबर

प्रशासन किसानों को मजबूत करने के लिए एक लाख उत्पादन का रखा लक्ष्य, कंपनी ने छह माह के एक कड़कनाथ की कीमत सात सौ रुपए तक देने का वादा किया है।    

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kadaknath murga

दंतेवाड़ा. जिले के कड़कनाथ मुर्गों की डिमांड अब हैदराबाद तक पहुंच गई है। यहां की एक कंपनी ने जिला प्रशासन से खरीदने का समझौता किया है। छह माह के एक मुर्गे की कीमत साढ़े छह सौ से सात सौ रुपए तक देने का वादा किया है। हैदराबाद से यह मुर्गे ठंडे देशों के लिए एक्सपोर्ट होंगे। इस हफ्ते पांच हजार मुर्गा कंपनी बतौर सैंपल खरीदेगी। किसानों के पास पांच हजार नग कड़कनाथ इस दौरान मौजूद है। कड़कनाथ की बढ़ती डिमांड को देखकर जिला प्रशासन किसानों के लिए बड़ी रणनीति तैयार कर रहा है। बताया जा रहा है कि जैविक खेती के साथ प्रशासन कुक्कुट पालन पर विशेष जोर दे रहा है। किसानों को दस प्रतिशत राशि लेकर पूरी यूनिट तैयार कर सौंपा जाएगा। जिले का कुक्कुट पालन में नाम रौशन करने के लिए एक लाख नग कड़कनाथ मुर्गे तैयार करन के लक्ष्य पर काम किया जाएगा।

कुक्कुट यूनिट तैयार करने के लिए निर्देश दिए
इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही पशुपालन विभाग को भी निर्देशित किया है कि वे किसानों को कड़कनाथ के चूजे और फार्म सुलभ कराए। इस दौरान जिले में एक दर्जन से अधिक किसान कड़कनाथ का पालन कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र में हैचिंग प्रोसेसिंग यूनिट से चूजों को तैयार कर किसानों को सौंपा जा रहा है। जिला प्रशासन ने दोनों विभागों को आधा सैकड़ा से अधिक किसानों के यहां कुक्कुट यूनिट तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं। इन यूनिटों को दो माह में तैयार कर किसानों को सौंपा जाएगा। किसान कुक्कुट पालन कर आर्थिक मुनाफा कमाना शुरु कर सकेंगे। स्वसहायता समूहों को भी इससे जोड़ा जाएगा।

फीड तैयार करने का कारखाना भी प्लान में
जिले में कड़कनाथ पालन के लिए जितना जोर जिला प्रशासन लगा रहा है। इससे कहीं ज्यादा कुक्कुट के फीड की चिंता भी बनी हुई है। कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े सूत्र कहते हैं कि जिस तेजी से कड़कनाथ का व्यवसाय जोर पकड़ रहा है इसके फीड का कारखाना जिले में होना जरुरी है। अंबाला की फीड कंपनी से कारखाने की मशीनों की कीमत और स्थापित होने में खर्चे का आंकलन पर चर्चा की गई। हालांकि अभी कारखाने का प्लान किया जा रहा है।

ब्रीडिंग के लिए बन रही 40 लाख की इमारत
हैचिंग प्रोसिंग यूनिट के अलावा ब्रिडिंग पर जिला प्रशासन का विशेष ध्यान है। अभी 2000 अंडों से प्रोसेस यूनिट में चूजे तैयार किए जा रहे हैं। इन चूजों को सीधे किसानों को सौंपा जाता है। साथ ही इनका फीड भी दिया जाता है। बड़े पैमाने पर जिले में कुक्कुट पालन की संरचना पर काम किया जा रहा है। इसके लिए मुर्गे-मुर्गों के पालन के लिए 40 लाख की इमारत निर्माणाधीन है। इस इमारत में ब्रीडिंग करवाई जाएगी। जिससे बड़ी संख्या में अंडों का उत्पादन हो और इन अंडों को प्रोसेस यूूनिट में रखकर चूजे तैयार किए जाएंगे। इन चूजों को किसानों को सौंपा जाएगा।

किसानों को प्रोत्साहित करने में कोई कसर नही छोड़ रहा
केवीके गीदम के संचालक डॉ. नारायण साहू ने बताया कि जिले के किसानोंं में कड़कनाथ पालन के लिए विशेष लगाव देखा जा रहा है। इसे देख कर जिला प्रशासन भी किसानों को प्रोत्साहित करने में कोई कसर नही छोड़ रहा है। जल्द ही कई युनिट तैयार कर किसानों को देना है। फिलहाल जिले में तैयार कड़कनाथ की मांग हैदराबाद की कंपनी ने की है। पहली खेप में कंपनी पांच हजार नग कड़कनाथ ले जाएगी। इसकी औचारिकताएं जिला प्रशासन के साथ कंपनी के अधिकारियों ने दंतेवाड़ा में आकर पूरी कर ली है।