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बढ़ती महंगाई में क्या आप मात्र 1200 में घर चला सकते हैं, अगर नहीं तो पढि़ए ये खबर

रसोइया संघ का धरने का दूसरा दिन , मात्र 1200 रुपए में घर कैसे चलाएं, प्राथमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन प्रभावित

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 क्या आप मात्र 1200 में घर चला सकते हैं

जगदलपुर . छत्तीसगढ़ महिला पुरुष मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर दूसरे दिन शुक्रवार को भी धरना दिया। कृषि उपज मंडी से रसोइया संघ ने रैली निकाली। रैली कृषि उपज मंडी से शहीद पार्क, एसबीआई चौक, गोल बाजार, संजय बाजार, चांदनी चौक होते हुए कमिश्नर कार्यालय पहुंची। यहां संघ की ओर से कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा गया। इस प्रदर्शन में 32 विकासखंड के रसोइया श्रमिक आंदोलन कर रहे हैं ।

बच्चे लौट रहे हैं भूखे पेट
मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ के आंदोलन की वजह से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन प्रभातिव हुआ है। बच्चे स्कूल तो आ रहे, लेकिन भूखे ही वापस जा रहे हैं। बस्तर जिले में 1507 प्राथमिक शालाएं हैं, जिसमें मध्यान्ह भोजन संचालित है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल स्कूलों में महिला स्व सहायता समूह से सहायता ली जा रही है।

संघ ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
बीजापुर जिले की अध्यक्ष रंभा झा ने बताया कि अब हमारी नौकरी रहे या न रहे हम अपना सम्मान चाहते हैं। इतने कम मानदेय में क्या काम होता है। यदि हमारी मांगे शीघ्र पूरी नहीं की जाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि काम करते हुए 22 साल 6 महीने 94 दिन हो चुके हैं। इस अवधि में कार्य करने वाले शिक्षाकर्मी , पंचायत शिक्षक नियमित हो गए।

हमारी प्रमुख मांग यह है कि रसोइया को 10 माह का मानदेय के स्थान पर 12 माह का मानदेय दिया जाए
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय भी बढ़ाया गया है। लेकिन रसोइया संघ की परिस्थिति आज भी वैसी ही है। संभागीय अध्यक्ष सुरेश साहू ने बताया कि हमारी प्रमुख मांग यह है कि रसोइया को 10 माह का मानदेय के स्थान पर 12 माह का मानदेय दिया जाए। साथ ही 13 दिनांे का आकस्मिक अवकाश मिले। इस अवसर पर हेमंत नाग, गोवर्धन पटेल, कमलू राम, प्रहलाद बघेल, टीआर बघेल सहित बड़ी संख्या में संघ के लोग उपस्थित थे।