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खुशहाल जिंदगी जीने लाल आतंक का साथ छोड़ पुलिस के पास पहुंचा यह नक्सली, फिर…

लीडर लेते थे मीटिंग और ये करता था सूचनातंत्र का काम, अब याद आ गया घर परिवार, तो... पहुंचा समर्पण करने।

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खुशहाल जिंदगी जीने लाल आतंक का साथ छोड़ पुलिस के पास पहुंचा यह नक्सली

मिलिशिया सदस्य को याद आ गया घर-परिवार, कहा - अब नहीं जीना मुझे ऐसी जिंदगी...

मिलिशिया सदस्य को याद आ गया घर-परिवार, कहा - अब नहीं जीना मुझे ऐसी जिंदगी...

जगदलपुर . पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण अंदरूनी क्षेत्रों से तो नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने का आंकड़ा बढ़ गया है। वहीं सोमवार को शहर के केरिपु बल कमांडेंट के सामने भी एक जनमिलिशिया सदस्य ने आत्मसमर्पण किया है। विवेकानंद सिन्हा पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज व संजय यादव पुलिस उप महानिरीक्षक, जगदलपुर के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सोमवार को 80 वीं वाहिनी मुख्यालय जगदलपुर में बली उर्फ बलीराम नाग उम्र 37 वर्ष पद-जनमिलिशिया सदस्य (कुदूर एरिया), अमिताभ कुमार कमाण्डेंट 80 बटा. केरिपु बल के समक्ष 80 बटालियन के मुख्यालय मे आत्मसर्पण किया।

कमेटी सचिव के इशारे पर करता था काम
आत्मसमर्पित नक्सली बली उर्फ बलीराम नाग वर्ष 2008 से संगठन में सम्मिलित होने के बाद से बारसुर एरिया कमेटी सचिव विलास उर्फ आयतु के इशारे पर काम करने की बात भी सामने आ रही है। गांव में कहीं भी मीटिंग होने सेे गांव वालों की मीटिंग मे शामिल होने की सूचना देने एवं खाने-पीने की व्यवस्था करता था। मीटिंग के दौरान आने-जाने वाले रास्तों पर संतरी ड्यूटी का काम करता था। पुलिस या किसी अन्य व्यक्तियों के आने की सूचना नक्सली कमाण्डर को तुरन्त बताता था। वर्ष 2010 मे ग्राम खड़पडी के बोकड़ी चापर पारा मे मीटिंग के समय गांव वालों से मिलकर खाना का व्यवस्था किया करता था, उस समय अचानक पुलिस व सुरक्षा बलों के आने की सूचना मिली और नक्सली बोकड़ी चापर पारा के जंगल की ओर भाग गए।