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सूख रही इंद्रावती को बचाने जोरा नाला में बन रहा स्ट्रक्चर अगले माह होगा पूरा

ओडिशा के जोरानाला में बनाए जाने वाले कंट्रोल स्ट्रक्चर का निर्माण अंतिम दौर में है। मई तक इसके पूरा होने की संभावनाएं हैं।

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Ajay Shrivastava

Apr 23, 2016

final round

Building Structure

जगदलपुर.
ओडिशा के जोरानाला में बनाए जाने वाले कंट्रोल स्ट्रक्चर का निर्माण अंतिम दौर में है। मई तक इसके पूरा होने की संभावनाएं हैं। इस कंट्रोल स्ट्रक्चर के बन जाने से इंद्रावती नदी के सूखने की आशंका पर विराम लग सकता है।


ओडिशा कंस्ट्रक्शन कंपनी का काम यहां जारी है। शुक्रवार को जोरा नाला पर जाने पर पता चला कि यहां लेफ्ट वाल, एप्रन और बाईं ओर के स्लोप प्रोटेक्शन का काम अधूरा ही है। अब तक इस काम पर साढ़े 31 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च हो गई है। निर्माण एजेंसी का कहना है कि करीब 47 करोड़ का खर्च अनुमानित है। यह राशि राज्य सरकार ने ओडिशा को दिया है। तीन साल से अधिक समय से जारी यह सारा काम बारिश के पहले हो जाना है।


यहां से करीब 23 किमी दूर आडिशा सीमा पर से बहती हुई इंद्रावती नदी छत्तीसगढ़ सीमा में प्रवेश करती है। इस नदी में जोरा नाला का पानी आकर मिलता था। प्राकृतिक व मानवीय कारणों से जोरा नाला की गहराई बढ़ती चली गई और इंद्रावती का बहाव उसमें समाहित होता चला गया। दशक भर से ऐसी नौबत आ गई थी के इंद्रावती का सारा पानी जोरा नाला में समाने लगा था।


इसके चलते छत्तीसगढ़ में इंद्रावती गर्मियों में सूख सी जाती थी। इस बात को लेकर राज्य सरकार ने केंद्रीय जल आयोग से मध्यस्ता करने कहा। केंद्रीय जल आयोग ने अगुवाई करते दोनों ही राज्यों को इंद्रावती नदी के 50- 50 प्रतिशत जल का इस्तेमाल करने का निर्णय सुनाया। इसके बाद 2012 में राज्य सरकार ने ओडिशा को निर्माण के लिए राशि उपलब्ध करा दी थी।


90 मीटर वियर वाल

जोरा नाला में इंद्रावती की ओर बनाए जाने वाले स्लोप प्रोटेक्शन का काम पूरा हो गया है। इस काम के पूरा हो जाने से इंद्रावती की ओर से बहने वाला पानी वापस नाले में जाकर नहीं मिल पाएगा। इसके बाद यही सारा काम जोरा नाला पर किया जा रहा है। नाले की ओर का ढलान दो मीटर के करीब ऊंचा बनाया जा रहा है ताकि पानी का बहाव इंद्रावती की ओर जारी हो सके। पहले यह बहाव नदी से हट के नाले की ओर होता था।


नाला की ओर करीब 90 मीटर का वियर वाल बनाया जा रहा है। इस वियर वाल के बन जाने से नाला बीचों बीच दो भागों में विभक्त हो जाएगा। इस वाल का 40 मीटर लंबाई वाला हिस्सा पूरा हो गया है। यहां पचास मीटर लंबाई का काम फिलहाल बाकी है। बचे हुए काम का निरीक्षण करने अधीक्षण अभियंता इंद्रावती मंडल पीके वर्मा, ईई टीडीपीपी पीजीएस राजपूत, एसडीओ धर्मेंद्र मेश्राम, एसई टीआर नाग समेत ओडिशा कंस्ट्रक्शन कंपनी के इंजीनियरों ने निर्माण का मुआयना किया।