
जगदलपुर . सीमावर्ती तेलंगाना में 2 मार्च को ग्रेहाउंड के जवानों ने जिन 10 बड़े माओवादियों को मार गिराया, उसके लिए उन्हें छग सीमा में आने की जरूतर भी नहीं पड़ी। दरअसल इलाके की एक एक खाई छत्तीसगढ व तेलंगाना को अलग करती है। चारों ओर से घिरी पहाडि़यों के बीच सेफ जोन समझकर बीचों बीच रह रहे माआेवादियों को मार गिराने उनके इलाके से घिरी तीन तरफ की ऊंची पहाडि़यों पर गे्रहाउंड के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा था। सुबह करीब 6 बजे जैसे ही माओवादी अपने कैंप से निकलकर पहाड़ी के एक गड्ढे में पानी लेने पहुचे तो उन्होंने आसानी से उन्हें अपने निशाना बना लिया। वहीं प्लान के तहत काम करते हुए इतने बड़े ऑपरेशन को आसानी से पूरा कर लिया।
जगह चारो ओंर से उंची पहाडि़यों से घिरी हुई
दरअसल जिस जगह यह मुठभेड़ हुई वहां तेलंगाना व छत्तीसगढ़ के बीच एक खाई है। 2 मार्च को भी छत्तीसगढ़ के इलाके की एक पहाड़ी में 50 से अधिक माओवादी डेरा डाले हुए थे। इसकी सूचना पर ग्रेहाउंड ने उन्हें मार गिराने का प्लान बनाया। दरअसल माआेवादियों ने जिस जगह डेरा जमा रखा था, उस जगह चारो ओंर से उंची पहाडि़यों से घिरी हुई थी। इसलिए ग्रहाउंड के जवानों ने रात में तेलंगाना वाले इलाके की पहाडि़यों पर चढ़ाई चढ़ी और उनसे भी उंची जगह पर मोर्चा ले लिया। सुबह जब माआेवादी पहाड़ के एक डबरे पर नहाने के लिए पहुंचे तो यहां से करीब 200 मीटर दूर स्थित तेलंगाना की पहाडि़यों पर मोर्चा लेकर बैठे जवानों ने उन पर फायरिंग कर दी। निशाना इतना सटीक था कि इस फायरिंग में ही 4 माआेवादियों की मौत हो गई। गोलियों की आवाज सुन माआेवादियों ने जब भागने की कोशिश की तो दूसरी तरफ की पहाड़ी पर मोर्चा संभाले जवानों की रायफलों की जद में आ गए। मौका देख उन्होंने भी हमला कर दिया और एक एक कर 10 माओवादियों को मार गिराया। इसी बीच अन्य माआेवादी घने जंगल का सहारा लेकर छत्तीसगढ के बीजापुर इलाके की तरफ भाग निकले। इसके बाद गे्रहाउंड के जवान सीमा पार कर छत्तीसगढ़ सीमा में दाखिल हुए और पास ही बनाए हैलीपैड में लैंड हैलिकॉप्टर में माओवादियों के शव लेकर रवाना हो गए।
कैंप ध्वस्त, सामान को लगा दी आग
मिली जानकारी के अनुसार गे्रहाउंड के जवानों ने माओवादियों को मार गिराने के बाद यहां बने माओवादियों के क ैंप को ध्वस्त कर दिया और यहां रखे गोला बारूद व अन्य सामानों में आग लगा दी और माओवादियों के शव लेकर वापस चल दिए।
बचे गोलाबारूद को ले गए माओवादी
घटना के बाद घटनास्थल पर माओवादी समर्थक पहुंचे और उन्होंने मौके पर रखे गोलाबारूद को अपने साथ लेकर पास ही बनाए एक अस्थाई लेकर आ गए। इसमें आईईडी, कपड़े, जिंदा कारतूस व हैंड ग्रेनेड शामिल थे।
5 घंटे में काम तमाम
पहाडि़यों पर मोर्चा संभाले गे्रहाउंड के जवान ने पहली फायरिंग सुबह 6 बजे की। इसके बाद करीब एक घंटे तक वे अपने प्लान के हिसाब से माओवादियों के खिलाफ हमला करते रहे। इसके बाद उन्होंने कैंप ध्वस्त किया और यहां रखे सामान को आग
लगा दी और शव को लेकर रवाना हो गए। इस पूरे ऑपरेशन को उन्होंने पांच घंटे में पूरा कर दिया।
Published on:
06 Mar 2018 11:44 am
बड़ी खबरें
View Allबस्तर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
