
2 साल में 3 बार ट्रांसफर, फिर भी मैदान में डटे हुए हैं ये अफसर, जानिए क्या है असली कहानी
जगदलपुर . दो साल में तीन बार ट्रांसफर होने के बाद भी जिले के लोहांडीगुड़ा ब्लॉक के नायब तहसीलदार शशि शेखर मिश्रा को जिला प्रशासन ने रिलीव नहीं किया है। नतीजतन अधिकारी डटे हुए हैं। अब एेसे अधिकारियों पर निर्वाचन आयोग कार्रवाई करने की बात कह रहा है।
दरअसल शशि शेखर मिश्रा ने सबसे पहले स्वयं के व्यय से अपना ट्रांसफर सरगुजा मांगा था। इस पर 21 जुलाई 2016 को प्रदेश के उपसचिव रमेश शर्मा ने आदेश जारी करते हुए उनका ट्रांसफर कर दिया था। लेकिन इस बार उनके लिए कोई एवजीदार नहीं मिला नतीजतन उन्हें रिलीव नहीं किया गया। इसके बाद 14 अगस्त 2017 को जब वे दरभा में नायब तहसीलदार के पद पर थे, उस वक्त अवर सचिव ने उनका प्रशासनिक ट्रांसफर सरगुजा कर दिया था। इस बार भी उन्हें जिला प्रशासन ने रिलीव नहीं किया। 23 मार्च 2018 को एक बार फिर आदेश जारी किया गया लेकिन हर बार की तरह वे रिलीव नहीं हुए। हालांकि आदेश में एवजीदार नहीं होने की उपस्थिति में रिलीविंग नहीं करने की बात कही है। फिर भी दो साल बाद भी एवजीदार की नियुक्ति नहीं करना और दरभा से लोहांडीगुड़ा ट्रांसफर कर देना शासन व प्रशासन के ढुलमुल रवैये को दर्शाता है।
इधर विधानसभा चुनाव के मददेनजर निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य सचिव को पत्र जारी करते हुए तीन साल से अधिक से जमे हुए कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए हंै। बताया जा रहा है कि आदेश के बाद राज्य सरकार
सभी विभागों से तीन से अधिक वर्ष से एक ही जगह तैनात कर्मचारियों की सूची मंगवा रही है। अब इनके उपर कार्रवाई करते हुए उन्हें ट्रांसफर करने की तैयारी कर रहे हैं।
दो साल में नहीं मिला एवजीदार
शासन के मुख्य सचिव अजय सिंह 5 मई 2018 को एक आदेश जारी करते हुए स्थानांतरित अधिकारियों व कर्मचारियों को तत्काल रिलीव करने का आदेश दिए हैं। रिलीव नहीं किए जाने में 10 मई 2018 को उन्हें एक पक्षीय रिलीविंग माने जाने की बात कही है। साथ ही संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन उस स्थान से नहीं निकालने के आदेश भी दिए थे। हालांकि इस आदेश में भी एवजीदार वाला क्लॉस सम्मिलित किया गया था।
सांसद की शिकायत के बाद लोहांडीगुड़ा हुआ स्थानांतरण
मालूम हो कि दरभा तहसीलदार रहने के दौरान वहां के स्थानीय ग्रामीण शशि शेखर मिश्रा से नाराज थे और उन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया था। इस मामले के बाद सांसद से शिकायत हुई और उन्होंने पत्र लिखकर सीएम से अधिकारी की शिकायत की थी। इसके कुछ दिन बाद उनका ट्रांसफर लोहांडीगुडा कर दिया गया था।
एवजीदार आते ही रिलीव
बस्तर कलक्टर धनंजय देवांगन ने बताया कि, शासन का जो आदेश मिला है, उसमें एवजीदार होने पर रिलीव करने की बात कही गई है। एवजीदार आते ही संबंधित अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
Published on:
29 May 2018 03:26 pm
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