
सरयू नदी
बस्ती. जनपद को बाढ़ की तबाही से बचाने के लिए कवायद शुरू हो गई है, सीएम योगी के निर्देश पर सरयू नदी की धारा को सीधा कर उसे तटबंध से दूर उसकी 20 से 30 साल पुरानी जगह पहुंचाने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए गूगल मैप व नासा की फोटो का सहारा लिया जा रहा है ।
बस्ती जनपद में सर्वाधिक संवेदनशील स्थल सेरवा घाट से पिपरपाती तक चिह्नित किया गया है, इसमें से भी विशेषज्ञों ने आठ किलोमीटर क्षेत्र को डेंजर प्वाइंट चिन्हित किया है। फिलहाल तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने एक किलोमीटर के दायरे में नदी की गहराई बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है इसके लिए ड्रेजिंग मशीन से 25 लोगों की टीम 24 घंटे काम कर रही है। कटरिया से चांदपुर के बीच लगभग डेढ़ किलोमीटर की लंबाई में नदी तटबंध को स्पर्श करते हुए प्रवाहित हो रही है।
बाढ़ की तबाही से बंधे के किनारों पर रहने वाले स्थानीय लोगों को अब निजात मिलेगी, विगत चार वर्ष से लगातार देखा जाता है कि कटरिया-चांदपुर तटबंध पर चार किलोमीटर की लंबाई में भीषण कटान होती है, स्थिति यह हो जाती है कि तटबंध बचाना मुश्किल हो जाता है। पिछले साल बाढ़ के दौरान हुई कटान के चलते कई गांव का अस्तित्व ही समाप्त होते होते रह गया, इतना ही नहीं बांध ध्वस्त होने की नौबत आ गई थी।
योगी सरकार के इस फैसले से किसानों और ग्रामीणों में खुशी है, नदी को बांध से दूर करने को लेकर ग्रामीणों ने खुशी जताते हुए कहा कि योगी सरकार का यह काम सराहनीय है, इससे बाढ़ के खतरे से निजात मिलेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की जो जमीन नदी में समा गई थी वो भी मिलने की उम्मीद अब दिख रही है।
वहीं इस काम की मॉनिटरिंग कर रहे ओसेन्स पार्कर लिमिटेड कोे-ऑपरेशन मैनेजर चौधरी ने बताया कि ड्रेजिंग मशीन पुराने रास्ते से बालू और सिल्ट हटा कर नदी का प्रवाह व्यवस्थित करती है. यह एक ऐसी विधि है जिससे नदी अपने पुराने रास्ते पर लौट जाएगी तथा तटबंध सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने बताया कि हम मशीन से खुदाई कर बालू और सिल्ट को पाइप के रास्ते लगभग एक किलोमीटर दूर बंधे के किनारे निकाल रहे हैं. इससे लंबे समय तक बाढ़ की पीड़ा से निजात मिल जाएगी।
सीएम योगी आदित्य नाथ बंधे की कटान का मामला गंभीरता से लेते हुए सरयू नदी की धारा मोड़ने की योजना पर काम करने के लिए निर्देश दिये गये, जिसके बाद से ही इस दिशा में विभागीय स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैंं. जिसके बाद जनपद में कटरिया-चांदपुर तटबंध पर कटरिया तथा कलवारी-रामपुर तटबंध पर पिपरपाती दो ऐसे स्थान चिह्नित किए गए जहां नदी अपने मूल रास्ते से भटक गई है।
BY- SATISH SRIVASTAVA
Published on:
27 Dec 2018 03:51 pm
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