कि लगभग 50 साल पहले एक शख्स ने इस पेड़ को कहीं से लाकर यहां पर लगाया था, जिसके बाद पेड़ लगाने वाले शख्स गायब हो गए और किसी ने इस वृक्ष पर पीला वस्त्र बांध दिया, तब से यहां पर लोगो की आस्था बढ़ने लगी और लोग पूजा, कथा सहित तमाम भक्ति कार्यों का आयोजन करते आ रहे हैं।