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सूख रही है खेत तो फसल बचाने के लिए शासन करेगी किसानों की मदद

नदी-नालों से खेतों की सिंचाई करने 44 किसानों ने दिया आवेदन, 39 को मिली अनुमति, किसानों को सिंचाई की एवज में देना होगा प्रति हेक्टेयर 562 रुपए शुल्क

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सूख रही है खेत तो फसल बचाने के लिए शासन करेगी किसानों की मदद

बेमेतरा. चालू खरीफ सीजन के दौरान जिले के कुछ तहसीलों में अल्प वर्षा की आशंका को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने नदी-नालों में बहने वाले जल का उपयोग सिंचाई करने की अनुमति दी है, इसके लिए प्रति हेक्टेयर 562 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। कलक्टर महादेव कावरे की उपस्थिति सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता कुलदीप नारंग ने बताया कि नदी-नालों से सिंचाई के लिए कुल 44 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, इनमें से 39 की अनुमति विभाग ने प्रदान की है। 8 अगस्त को 5 आवेदन प्राप्त हुए, परीक्षण के उपरांत उन्हें 10 अगस्त तक अनुमति की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
आवेदन देने शिवनाथ किनारे के किसान आगे
अधिकारी ने बताया कि इनमें से अधिकांश आवेदन जिले में बहने वाली जीवनदायिनी शिवनाथ नदी के किनारे रहने वाले किसानों के है। जिले में 41 डायवर्सन हैं। दाढ़ी अंचल में सकरी नदी से किसानों को पानी कृषि कार्य हेतु दिया जा रहा है। कार्यपालन अभियंता ने बताया कि कलक्टर की विशेष पहल पर जिले की वर्षों पुरानी मउ उद्वहन सिंचाई योजना (लिफ्ट एरीगेशन) के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है।
जलाशय में भर रहे नाले का पानी
नारंग ने बताया कि बेमेतरा ब्लॉक के झाल जलाशय के बैंक पार को काटकर स्थानीय बहने वाले बरसाती नाले के पानी को जलाशय के अंदर लिया गया। जिससे जलाशय में पानी भरने की संभावना बढ़ गई है।
98 हजार किसानों का हुआ बीमा
कृषि विभाग के उप संचालक शशांक शिन्दे ने बताया कि चालू खरीफ सीजन के लिए जिले के 97 हजार 859 किसानों का बीमा हुआ है। जिसमें बीमित रकबा की संख्या एक लाख 52 हजार 752 हेक्टेयर शामिल हंै। इस तरह बीमा राशि 161 करोड़ 65 लाख रुपए होगी। बीमा कंपनी को किसानों से 11 करोड़ रुपए का प्रीमियम मिलने की संभावना है।
बुधवार की बारिश से स्थिति सुधरी
उप संचालक ने बताया कि जिले में खाद-बीज की किसी प्रकार की कमी नहीं है, शत-प्रतिशत बोआई पहले ही हो चुकी है। किसान धान की रोपाई कार्य में व्यस्त है। बुधवार को हुई बारिश से फसल की स्थिति में सुधार आया है और धान की बियासी की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसाना अपनी आवश्यकता के अनुसार सहकारी समितियों से खाद का उठाव कर रहे है। किसी भी सोसायटी से खाद की किल्लत के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।