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बारदाना संकट : छिरहा समिति के किसानों ने दो घंटे तक किया चक्काजाम

बुधवार को सुबह चालीस हजार बारदाने की मांग को लेकर छिरहा समिति के किसानों ने आप नेता अंजोरदास घृतलहरे के नेतृत्व में नवागांवकला में चक्काजाम किया।

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बारदाना संकट : छिरहा समिति के किसानों ने दो घंटे तक किया चक्काजाम

बारदाना संकट : छिरहा समिति के किसानों ने दो घंटे तक किया चक्काजाम

बेमेतरा . बारदाना संकट के चलते नवागढ़ विधानसभा में किसानों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को सुबह चालीस हजार बारदाने की मांग को लेकर छिरहा समिति के किसानों ने आप नेता अंजोरदास घृतलहरे के नेतृत्व में नवागांवकला में चक्काजाम किया। आवागमन ठप कर सरकार के खिलाफ सड़क पर किसानों ने जमकर नारेबाजी की। चक्काजाम की सूचना मिलने के बाद पहुंचे बेमेतरा एसडीएम, तहसीलदार ने किसानों को जारी टोकन में यह लिखा कि बारदाना आने पर खरीदी होगी। चूंकि किसान अभी बीस फरवरी के इंतजार कर रहे हैं। इस कारण एसडीएम के बातों में आकर आंदोलन खत्म किए। आप नेता अंजोर दास घृतलहरे, ज्ञानेंद्र सिंह व ज्योतिष दिव्य ने कहा कि छिरहा समिति के किसानों का यदि धान नहीं लिया गया तो जिले में उग्र आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

रनबोड समिति में किसानों से लिखवाया जा रहा टोकन में पत्र
धान खरीदी में शासन का रवैया अधिकारियों की मनमानी व अनुभवहीनता का परिणाम मैदान में नजर आ रहा है। अब सुलझे हुए लोग उलझन से बचाव का हरेक उपाय निकालने में लगे हैं। नवागढ़ ब्रांच के रनबोड समिति में जिन किसानों को धान का टोकन दिया गया था पर बारदाना संकट के कारण तौल नही हुआ, उन किसानों का धान के लिए समिति अपनी जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर रही है। टोकन में यह लिखवाया जा रहा है कि धान नहीं खरीदी गई तो धान वापस ले जाऊंगा। धान बोरी की सुरक्षा की जि?मेदारी खुद की होगी।

सरकार व सिस्टम दोनों फेल
भाजपा नेता डॉ. जगजीवन खरे ने कहा कि सरकार व सिस्टम दोनों फेल हैं। पहले दिन से ही सरकार ने धान नहीं खरीदने का निर्णय लिया था। अधिकारियों को टारगेट दे दिया गया था। पहले ताबड़तोड़ धान का रकबा कम किया गया। खुले बाजार में बिक्री बंद करा दी गई। हजारों किसान के रिकार्ड गायब करा दिए गए। खरीदी की लिमिट तय कर दी गई। 80 दिन में 40 दिन भी खरीदी नहीं हुई। परिवहन रोक दिया गया। डॉ. खरे ने कहा कि माह नवंबर में कुल रकबा पंजीकृत किसान व मात्रा तय था। इससे कितना बारदाना लगेगा किसी निरक्षर से पूछ लिया गया होता। किसानों को जानबूझकर परेशान करने यह सब किया जा रहा है।