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आठ महीने ही हो सके ऑपरेशन फिर बंद हो गई ओटी

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्थायी महिला चिकित्सक नहीं

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बेतुल

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Pradeep Sahu

Nov 21, 2018

hospital news

आठ महीने ही हो सके ऑपरेशन फिर बंद हो गई ओटी

मुलताई. नगर के सरकारी अस्पताल में लगभग 20 साल के लंबे अंतराल के बाद आपरेशन थियेटर शुरू हो पाया था। 8 महीने शुरू रहने के बाद पिछले चार महीने से ऑपरेशन थियेटर पर ताला लटका हुआ है। अस्पताल में ऐनेथिसिया डॉक्टर और स्थाई महिला डॉक्टर नहीं होने से गर्भवती महिलाएं जिन्हें आपरेशन की आवश्कता है उन्हें बैतूल रेफर किया जा रहा हैं। ओटी शुरू करने के लिए अभी भी पर्याप्त स्टाफ और महिला चिकित्सक का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है लेकिन बीएमओ तोमर ने बताया कि बंद पड़ी होगी को फ्यूमिगेट करवाया जाएगा और कल्चर रिपोर्ट बुलाकर ओटी को शुरू करवाया जाएगा। दर्जनों ज्ञापन और प्रदर्शनों के बाद बमुश्किल मुलताई के सरकारी अस्पताल को ऑपरेशन थियेटर की सौगात मिली थी। ओटी खुलने के बाद लगभग 40 ऑपरेशन भी इसमें हुए, लेकिन ढ़ाई महीने से ओटी पर ताला लटक रहा है। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे अस्पताल में ऐनेथिसिया डॉक्टर एवं महिला डॉक्टर तक नहीं हैं। जिसके कारण ओटी पूरी तरह से बंद है। पहले बाहर के स्टाफ को बुलाकर ऑपरेशन करवाएं जाते थे जिसमें स्थानीय स्टाफ भी सहयोग प्रदान करता था, लेकिन अब अस्पताल में ही स्टाफ नहीं बचा, जिसके कारण बाहर के डॉॅक्टर भी नहीं आ रहे हैं और ओटी को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इधर जब गर्भवती महिलाओं को इमरजेंसी में ऑपरेशन की नौबत आती है तो उन्हें अपनी जान पर खेलकर बैतूल या वरूड़ जाना पड़ता है वहां जाकर डिलेवरी संपन्न होती है। इतना बड़ा अस्पताल होने के बाद भी सुविधाओं के नाम पर अस्पताल में कुछ नहीं हैं। इधर बीएमओ तोमर ने संकेत दिए है कि जल्द ही ओटी को शुरू करवाया जाएगा इसके लिए प्रकिया जल्द ही शुरू कर ली जाएगी।

लाखों की ओटी है, अनुपयोगी हो रही साबित - मुलताई के सरकारी अस्पताल में लाखों की लागत से बनी ओटी और उपकरण है। एक साल पहले पूरा नया सामान ओटी में लाया गया था। पहले बाहर के अस्पतालों से भी डॉक्टर बुलाकर ऑपरेशन करवाएं गए हैं, लेकिन वर्तमान में स्टाफ की कमी के चलते ओटी बंद पड़ी है। ऐसे में गरीब तबके के लोग परेशान हो रहे हैं, क्योंकि सक्षम लोग नागपुर, बैतूल और वरूड़ जाकर ऑपरेशन करवा रहे हैं, लेकिन निचले तबके के लोग जब ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंचते हैं तो उन्हें बैतूल की रास्ता दिखा दी जाती है जिससे लाखों की ओटी शो-पीस बनकर रह गई है।