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कहीं कैमरे नहीं लगाए, तो कहीं किराया सूची गायब

- निजी यात्री बसों में नहीं हो रहा परिवहन विभाग के नियमों का पालन

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कहीं कैमरे नहीं लगाए, तो कहीं किराया सूची गायब

हरदा. भोपाल जाने वाली बस में आगे से पीछे तक कहीं पर भी किराया सूची चस्पा नहीं लगाई।

हरदा. शहर के सुभाषचंद्र बोस नया बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग 160 से अधिक बसों का प्रदेश के अनेक शहरों एवं गावों तक आना-जाना होता है। परिवहन विभाग ने बसों में यात्रियों की सुरक्षा लेकर नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन आज भी कई बसें ऐसी चल रही हैं, जिनमें सीसीटीवी कैमरे गायब हैं तो किराया सूची नहीं लगाई गई। यात्रियों को पता नहीं रहता है कि किस शहर और गांव का कितना किराया है। कंडक्टर जितना बोलता है उतना किराया देकर यात्री अपनी यात्रा कर रहे हैं। वहीं बस चालक भी वर्दी नहीं पहन रहे हैं। मगर जिला परिवहन विभाग निजी बसों में हो रहे नियमों के अनदेखी से बेखबर है। पत्रिका ने सोमवार को बस स्टैंड पर अलग-अलग रूट की बसों का जायजा लिया तो उनमें ये खामियां मिलीं।
बसों में यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे
दोपहर 1 बजे बस स्टैंड पर हरदा से देवास जाने वाली बस में जांच करने पर उसमें जहां कैमरे का अता-पता नहीं था, वहीं आग को बुझाने वाला अग्निशमन भी नदारद था। इसके अलावा बस के अंदर आगे और पीछे की तरफ कहीं पर भी किराया सूची चस्पा नहीं मिली। इस संबंध में जब बस चालक से पूछा तो उन्होंने कहा कि बस के कांच के ऊपर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था, लेकिन वह दस दिनों से खराब हो गया है, जिसे सुधारने के लिए भेजा गया है। किराया सूची चस्पा की थी, लेकिन निकल गई है। फिर से उसे चिपका देंगे। इसी तरह कांटाफोड़ जाने वाली एक अन्य बस में किराया सूची पर्चे के रूप में चस्पा मिली। वह भी ऐसी जगह लगी है उसे कोई यात्री पढ़ भी नहीं पा रहा था। महिला यात्री सुषमा विश्वकर्मा से पूछा कि कांटाफोड़ का किराया कितना है, तो वह बोली कि मुझे पता नहीं। कंडक्टर ने कहा कि बैठ जाओ, मैं आकर टिकट बनाऊंगा। बस में अगर यात्री के साथ किसी प्रकार की घटना हो जाए तो इसका पता लगाना मुश्किल हो जाएगा। नियमों को ताक में रखकर कई निजी बसों का संचालन हो रहा है, किंतु आरटीओ विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
यात्रियों ने कहा किराया सूची नहीं है
जिले के गांव सांवलखेड़ा की रहने वाली यात्री फूलवतीबाई कलम ने बताया कि मैं और मेरा बेटा भोपाल जाने के लिए हरदा से भोपाल जाने वाली बस में बैठे। कंडक्टर ने आकर बोला कि 400 रुपए में दो टिकट बनेंगे। जिस पर महिला ने कहा कि हमारे पास इतने पैसे नहीं है। कंडक्टर ने कहा कि 300 रुपए ही दे दो। महिला को 300 रुपए में टिकट बनाकर दी। भोपाल जाने वाली इस बस में सीसीटीवी कैमरा लगा था, लेकिन किराया सूची नहीं लगी थी। इससे स्पष्ट होता है कि बस के कर्मचारी यात्रियों से कितना किराया ले रहे हैं, इसका यात्रियों को किराया सूची नहीं होने से पता नहीं चल रहा है।
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यात्री लक्ष्मणसिंह राजपूत ने कहा कि हम अक्सर बसों से ही यात्रा करते हैं। लेकिन अधिकांश बसों में सीसीटीवी कैमरे और किराया सूची नहीं लगी रहती है। सोमवार को हम हरदा से रेहटी जाने के लिए बस में बैठे, किंतु इसमें भी किराया सूची लगी नहीं दिखी। कंडक्टर 120 रुपए प्रति टिकट किराया लिया। हमने दो टिकट बनवाई। उन्होंने कहा कि अगर बस में किराया सूची रहती और उस पर जो किराया दिया लिखा होता तो हम संतुष्ट रहते, लेकिन अब यात्रा करना है तो कौन बहस करे। राजपूत ने कहा कि परिवहन विभाग को हर बस में बड़े अक्षरों में किराया सूची लगवानी चाहिए, ताकि किराए का पता चल सके।
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इनका कहना है
निजी यात्री बसों में सीसीटीवी कैमरों का प्रावधान नहीं है। किराया सूची, फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र का होना आवश्यक है। बसों व अन्य वाहनों का जांच अभियान जारी है। बसों में किराया सूची व अन्य व्यवस्थाओं की जांच की जाएगी।
निशा चौहान, आरटीओ, हरदा