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दुबई से संचालित होती थी अवैध ऑनलाइन बेटिंग

police arrested three accused

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betul news

बैतूल। करोड़ों की साइबर ठगी में पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है,वैसे ही नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपी साइबर ठगी का पैसा ऑनलाइन सट्टे में लगाते हैं। अवैध सट्टाबाजी का यह अवैध कारोबार दुबई से संचालित होता था। आरोपियों से इस पैसे को निकालने की भी पूरी व्यवस्था कर रही थी। पुलिस ने 9.84 करोड़ की साइबर ठगी में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ऑनलाइन सट्टे के लिए कई वेबसाइट सक्रिय थी। अभी तक छह आरोपी गिरफ्तार किए हैं। पुलिस अवैध सट्टाबाजी के मुख्य आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
एसपी वीरेन्द्र जैन ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने 9.84 करोड़ साइबर ठगी के तीन बड़े खिलाडिय़ों गिरफ्तार कर अवैध ऑनलाइन बेटिंग व कैश नेटवर्क ध्वस्त किया है। मामले में पुलिस ने 20 नवंबर 2025 को आरोपियों राजा उर्फ आयुष चौहान, अंकित राजपूत, नरेंद्र सिंह राजपूत को गिरफ्तार किया था। 7 दिसंबर 2025 को अमित अग्रवाल को इंदौर से गिरफ्तार किया है। 11 दिसंबर को प्रमुख आरोपी राजेन्द्र राजपूत और ब्रजेश महाजन को इंदौर से गिरफ्तार किया है। पूरा मामला खेड़ी सांवलीगढ़ बैंक में एक मजदूर के खाते से करोड़ों के ट्रांजेक्शन की शिकायत के बाद सामने आया था।

केश कलेक्शन करता था राजेन्द्र

पुलिस ने बताया राजेन्द्र राजपूत एटीम से विड्राल कर म्यूल खातों से नकदी निकालता था और अंकित राजपूत के निर्देश पर विभिन्न स्थानों रकम जुटाता था। पुलिस ने राजेन्द्र राजपूत से 20 एटीएम कार्ड,8 पासबुक, 4 मोबाइल फोन,1 बैग रजिस्टर एवं डायरी (लेन-देन का हिसाब) जब्त की है। वही आरोपी ब्रजेश महाजन अवैध बेटिंग नेटवर्क का मास्टरमाइंड है। दुबई से 50 से 1 लाख रुपए में अवैध ऑनलाइन बेटिंग वेबसाइटों की मास्टर आईडी खरीदकर भारत में बेचता था। आरोपी 20,000 से 25,000 तक में आईडी बेचता था। केश ट्रांजेक्शन अंकित व राजेन्द्र के माध्यम से करवाता था।

आरोपी ने खरीदा बंगला और मंहगी कार

पुलिस की जांच में सामने आया कि अमित ने अंकित को अपने घर में किराए पर रखा और अवैध लेन-देन का पूरा तंत्र चलवाता था। अवैध कमाई का उपयोग कर अमित अग्रवाल ने बीएमडब्ल्यू कार और एक आलीशान बंगला भी खरीदा था। अवैध ऑनलाइन बेटिंग नेटवर्क में होने वाले कैश ट्रांजेक्शन का प्रमुख माध्यम अंकित राजपूत था। केश से संबंधित सभी कार्य अंकित के माध्यम से किए जाते थे। अमित अग्रवाल ने अंकित की मुलाकात ब्रजेश महाजन से करवाई, जिसके बाद साइबर ठगी और बेटिंग नेटवर्क आपस जुड़ गया।