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हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की बढ़ती संख्या, स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल

A total of 761 pregnant women were examined in the camps organised in the district on Friday under the Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan, out of which 349 women were identified in the high risk category.

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बैतूल। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले में शुक्रवार को आयोजित शिविरों में कुल 761 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, जिनमें से 349 महिलाओं को हाई रिस्क श्रेणी में चिन्हित किया गया। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चेतावनी की घंटी है कि जिले में गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति चिंताजनक है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कुमार हुरमाड़े ने बताया कि अभियान के दौरान रक्त जांच, जीडीएम और सोनोग्राफी जैसी जांचें की गईं, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि लगभग हर दूसरी महिला हाई रिस्क श्रेणी में आ रही है, जो समय पर उचित निगरानी और पोषण, स्वास्थ्य शिक्षा, और चिकित्सकीय सलाह की कमी को उजागर करता है।
शिविरों के आंकड़े चिंताजनक
जिला चिकित्सालय बैतूल में 79 महिलाओं में 26 हाई रिस्क, सीएचसी चिचोली में 36 में सभी 36 हाई रिस्क, और सीएचसी शाहपुर में 95 में 44 हाई रिस्क जैसी स्थितियां यह दर्शाती हैं कि केवल शिविरों के आयोजन से समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित एएनसी जांच की कमी, पोषण की कमी, और स्वास्थ्य शिक्षा का अभाव हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की संख्या बढ़ा रहा है।
सवाल उठाते हैं संसाधनों और प्रबंधन पर
विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार द्वारा अभियान आयोजित करना जरूरी है, लेकिन इसके साथ-साथ सिस्टमेटिक फॉलोअप, ब्लॉक स्तर पर विशेषज्ञ उपलब्धता, और समय पर अस्पताल पहुंच सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इन शिविरों के बावजूद हाई रिस्क महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत है।