
बैतूल। नदी में अचानक बाढ़ आने से एक युवक टापू पर लगभग सात घंटे फंसा रहा। पुलिस को सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी। शाम को पहुंची टीम ने युवक को लाइफ जैकेट पहनाकर रस्सी के सहारे बाहर निकाला। दरअसल चोपना थाने क्षेत्र के ग्राम बाटकाढाना निवासी युवक सोमवार दोपहर अपने दोस्तों के साथ भाड़ंगा नदी पर मछली पकडऩे गया था और बाढ़ आने से टापू पर फंस गया।
चोपना पुलिस के मुताबिक विष्णुपुर गांव में भाडंग़ा नदी में कुछ युवक सोमवार मछली पकडऩे गए थे। इस दौरान बटकाढाना निवासी रामदास पिता छन्नू शेलूकर (30) नदी के बीच में चट्टान पर मछली पकडऩे चला गया। इस दौरान बारिश होने लगी। इसके बाद भी रामदास बरसाती पहनकर मछली पकड़ रहा था। नदी में बाढ़ आ गई। इससे वह चट्टान पर ही फंस गया।
लाइफ जैकेट पहनाकर रस्सी के सहारे निकाला
टीआइ एमआर खान ने बताया कि युवक के नदी में फंसने की सूचना मिलने पर सारनी एसडीओपी रोशन जैन और होमगार्ड कमांडेड एसआर आजमी को सूचना दी गई। दोनों अधिकारी मौके पर पहुंचे। युवक का रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ की टीम शाम को पहुंची। रस्सी डालकर टीम ने रेस्क्यू किया। एसडीआरएफ के सदस्य चट्टान पर पहुंचे बाहर निकाला।
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भोपाल शहर में पानी ही पानी
इधर, सोमवार को हुई तेज बारिश में राजधानी भोपाल भी पानी-पानी हो गई। इस दौरान कहीं एम्बुलेंस फंसी तो कहीं तालाब बनी सड़क में स्कूल बस घंटों खड़ी रही। निचले इलाकों में बने घरों में पानी भर गया। महामाई का बाग क्षेत्र में तो बुरा हाल हुआ। यहां का नाला गाद व मिट्टी से भरा हुआ है, जो थोड़ी बारिश में ही उफन गया। कमोबेश शहर के अन्य हिस्सों का यही हाल रहा। सोमवार को दो घंटे से अधिक समय तब बारिश का दौर जारी रहा। जलजमाव के कारणों को जानने के लिए पत्रिका ने पड़ताल की तो यह बात निकल कर आई कि अधिकांश क्षेत्रों में पानी भरने का कारण नालों की सफाई न होना रहा। वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजधानी के करीब 778 नालों की सफाई के लिए पांच करोड़ की राशि आवंटित की गई। इसमें अधिकांश राशि नालों की सफाई के नाम पर साफ हो गई, लेकिन नाले गंदे ही रह गए।
Updated on:
05 Jul 2022 12:32 pm
Published on:
05 Jul 2022 12:23 pm
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