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बेतुल

समाज को खर्चीली शादियों से बचाने कराया समुहिक विवाह

51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में 5 जोड़ों ने रचाई शादी इसमें 1251 कलशों को लेकर बहिनों ने भाग लिया। इसमें 108 वाहनों की रैली निकाली गई। गांवों में भी जोर

बेतुलFeb 02, 2018 / 09:59 pm

Ashok Waikar

Gayatri Mahayagya married 5 couples

Gayatri Mahayagya married 5 couples

आठनेर। ब्लॉक के ग्राम देहगुड में गायत्री परिवार द्वारा गायत्री यज्ञ का आयोजन किया गया। आयोजन में आसपास के करीब एक दर्जन से अधिक गांव के हजारों ग्रामीण ने पहुंचकर महायज्ञ में आहूति डालकर समाज में होने वाली शादियों को खर्च से बचाने का संकल्प लिया। गायत्री यज्ञ के दौरान ही पांच जोड़ों का सामुहिक विवाह कराया गया। गायत्री परिवार द्वारा आयोजित यज्ञ में लोगों को सामूहिक शादियों में शादी कराने के लिए प्रेरित किया गया। गायत्री परिवार के सदस्यों का कहना था कि आज लोगों द्वारा शादियों के नाम पर फिजूल खर्च किया जा रहा है। फिजूल खर्च को रोकने के लिए समाज के लोगों को सामूहिक विवाह की ओर जोडऩा होगा।
१६ जोड़ों ने विवाह के लिए कराया था पंजीयन
गायत्री परिवार द्वारा विवाह के लिए १६ जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसमें से शुक्रवार को हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में पांच जोडों का सामूहिक विवाह कराया गया। गायत्री परिवार के डॉ टीसी अनघोरे ने बताया कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में दोडके सातनेर सोनल वानखेड़े देहगुड, प्रमोद वाडिवा केलबेहरा कमलती उइके बेलकुनड, निलेश दहीकर खोदरी ढाना किरण बारस्कर कावला, शुभम माथनकर सावगी नीलम धोटे सदर बैतूल, साहेबराव लिखितकर सावगी पिंकी माकोडे सावगी सावगी ने सात फेरे लिए।
समर्पण हो वहां भगवान चलकर आते हैं
शशिकांत अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में देहगुड मे 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन विशाल जल कलश यात्रा से हुआ। इसमें 1251 कलशों को लेकर बहिनों ने भाग लिया। इसमें 108 वाहनों की रैली निकाली गई। गांवों में भी जोरदार स्वागत किया। सामूहिक विवाह सम्मेलन में वरवधु को आशिर्वाद देने के लिए पूर्व विधायक धरमूसिंह सिरसाम, गजानन पटेल और आरके पालवाल ने पहुंचकर वर-वधु को आर्शिवाद दिया। यज्ञ के दौरान ही २४ लोगों को मुंडन संस्कार के साथ ही १५० लोगा का दीक्षां संस्कार कराए गए। गायत्री यज्ञ के दौरान ही पांच जोड़ों का सामुहिक विवाह कराया गया। गायत्री परिवार द्वारा आयोजित यज्ञ में लोगों को सामूहिक शादियों में शादी कराने के लिए प्रेरित किया गया।
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