
टीएनसीपी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं होना बताकर नक्शे बनाने से खड़े किए हाथ
बैतूल. अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण की प्रक्रिया के तहत दावे-आपत्तियों का निराकरण किए जाने के बाद कॉलोनियों के नक्शे एवं स्टीमेट को लेकर नया पेच खड़ा हो गया है। टीएनसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग) ने जहां नियमितिकरण की प्रक्रिया से हमारा कोई लेना-देना नहीं होने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं जिला प्रशासन नगरीय प्रशासन विकास विभाग के आदेश का हवाला देते हुए नियमितिकरण में टीएनसीपी का अहम रोल होना बता रहा है। चूंकि शासन के आदेशानुसार कॉलोनियों का नियमितकरण १५ अगस्त के पूर्व किया जाना है इसलिए अपर कलेक्टर ने समय की कमी को देखते हुए टीएनसीपी की जगह नपां को तय समय-सीमा में नक्शे और स्टीमेट बनाने के निर्देश दिए। नगरपालिकाओं द्वारा भी अभी तक नक्शा और स्टीमेट प्रस्तुत नहीं किए गए। जिससे कॉलोनियों को वैध किए जाने की प्रक्रिया अधर में लटक गई है।
अपर कलेक्टर ने कहा टीएनसीपी जिम्मेदारी नहंीं होना कहकर बच नहीं सकती
१५ अगस्त के पूर्व कॉलोनियों को किया जाना है वैध, कालोनी के नक्शे एवं स्टीमेट तैयार नहीं
जिले में २३३ कॉलोनियां अवैध
बैतूल जिले में अवैध कॉलोनियों की कुल संख्या २३३ बताई जाती है। इनमें सर्वाधिक अवैध कॉलोनियों की संख्या ८७ मुलताई विकासखंड की है। इसके अलावा बैतूल में ५७, आमला में ४९, चिचोली में २५, सारणी में ६, भैंसदेही में ५ और आठनेर में ४ है। इन अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रकाशन कर दावे-आपत्तियों का निराकरण भी कर दिया गया है लेकिन अब मामला टीएनसीपी और नगरपालिका व नगर पंचायतों में जाकर उलझता नजर आ रहा है।
टीएनसीपी को सौंपी थी जिम्मेदारी
जिले में मौजूद २३३ कॉलोनियों को वैध किए जाने के लिए नक्शों एवं स्टीमेट का बनाया जाना जरूरी है। नक्शों के लिए अपर कलेक्टर ने टीएनसीपी को जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन टीएनसीपी ने स्टाफ की कमी बताकर नक्शा एवं स्टीमेट प्लान बनाए जाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। बताया गया कि किसी भी अवैध कॉलोनी का नक्शा अभी तक स्वीकृत नहीं हो सका है। टीएनसीपी यह भी नहीं बता पा रहा है कि कॉलोनी में मार्ग, उद्यान एवं आवासीय क्षेत्र की क्या स्थिति है। नक्शों एवं स्टीमेट प्लान के बिना कॉलोनियों को वैध किया जाना जिला प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
नक्शे और स्टीमेट तैयार नहीं किए
टीएनसीपी द्वारा हाथ खड़े कर दिए जाने के बाद अपर कलेक्टर द्वारा नगरपालिकाओं एवं नगरपंचायतों को अवैध कॉलोनियों के नक्शे एवं स्टीमेट बनाने की जिम्मेदारी सौंपकर २५ मई तक नक्शे प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक किसी भी नगरपालिका एवं नगरपंचायतों द्वारा अवैध कॉलोनियों के नक्शे एवं स्टीमेट तैयार नहीं किए जा सके है। जिसके कारण अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने की प्रक्रिया अधर में लटक गई है। बताया गया कि नपा एवं नगर पंचायतों में भी स्टॉफ एवं तकनीकी अधिकारियों की कमी है जिसके कारण भी तय समय-सीमा में काम नहीं हो पा रहा है।
Published on:
01 Jun 2018 01:55 pm
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