
Marriage was to be held after two years, now it has to be canceled
बैतूल। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लगने के कारण एक जून को होने वाली सरकारी शादियों पर भी रोक लग गई है। ऐसे में जिन्होंने शादियों के लिए आवेदन किए थे उनके अरमानों पर पानी फिर गया है, क्योंकि दो महीने चुनाव के चलते शादियां नहीं हो सकेगी। इसके बाद शादियों का मुहूर्त भी खत्म हो जाएगा। हालांकि सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग ने राज्य शासन से विवाह आयोजनों को लेकर मार्गदर्शन मांगा हैं, लेकिन कलेक्टर का कहना है कि शुक्रवार को हुई वीडिया कांफ्रेसिंग में सरकारी शादियों पर रोक लगाए जाने के मौखिक निर्देश मिल चुके हैं। वहीं नगरीय निकाय चुनाव के लिए एक-दो दिन में आचार संहिता लगने के साथ ही नगरीय निकायों में भी शादियां नहीं हो सकेगी। बताया गया कि अप्रेल माह में शासन से कन्यादान विवाह आयोजन को लेकर जब निर्देश जारी हुए थे तभी प्रशासन सामूहिक विवाह आयोजन को लेकर पहले से तैयारी पूरी रखता तो आज लोगों को सरकारी शादियां निरस्त होने से मायूसी का सामना नहीं करना पड़ता। उल्लेखनीय हो कि पत्रिका ने २७ मई को सरकारी शादियों पर मंडरा रहा आचार संहिता का ग्रहण शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसके दूसरे दिन ही आचार संहिता लग गई।
दो साल के लंबे अंतराल के बाद होना थे विवाह
जिले में दो साल के लंबे अंतराल के बाद मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा था। कोरोना संक्रमण काल के चलते पूर्व में विवाह आयोजन नहीं हो सके थे। इस साल अप्रेल में सामूहिक विवाह कराए जाने को लेकर आदेश जारी हुए थे, लेकिन आदेश जारी होने में लेटलतीफी के चलते अक्षय तृतीया पर आयोजन नहीं हो सका। हालांकि विवाह आयोजन के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, लेकिन प्रभारी मंत्री से तारीख तय नहीं हो सकी थी। चूंकि तारीखे तय हो चुकी हैं तो आचार संहिता लगने के कारण अब आयोजन ही निरस्त करना पड़ रहा है। अब दोबारा सरकारी विवाह आयोजन कब होंगे कुछ कहा नहीं जा सका।
एक जून को होना थे सामूहिक विवाह
एक जून को आठनेर और चिचोली में सामूहिक विवाह आयोजन होना था। आयोजन को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण आयोजन को रद्द करना पड़ा। वहीं बैतूल, बैतूलबाजार, आमला में ८ जून, घोड़ाडोंगरी और सारणी में १० जून, शाहपुर, भीमपुर और मुलताई में ६ जून, भैंसदेही में ४ जून को विवाह आयोजन होना था। इन्हें भी रद्द करना पड़ा है। बताया गया कि नगरीय निकायों एवं जनपदों ने विवाह आयोजन के लिए आवेदन लेने भी बंद कर दिया है।
इनका कहना
-राज्य शासन ने वीडियो कांफ्रेसिंग में मौखिक रूप से सामूहिक विवाह आयोजन नहीं कराए जाने की बात कही है। वैसे हमनें राज्य चुनाव आयोग से इस संबंध में कार्यवाही के लिए मार्गदर्शन मांगा है।
- अमनबीर सिंह बैंस, कलेक्टर बैतूल।
Published on:
28 May 2022 09:31 pm
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