
Black check for pressure from women of groups
बैतूल। जिले में अजीविका मिशन के अधिकारियों ने महिला समूहों से लाखों की हाइटेक सिलाई मशीन की खरीदी करवाई है। इसके लिए महिला समूहों से दबाव बनाकर ब्लेंक चेक तक लिए गए हैं। मशीनें अब सिलाई सेंटरों पर शोपीस बनी हुई है। इन मशीन का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। समूहों से स्टूल खरीदी और प्रशिक्षण के नाम भी पैसा लिया गया है। लाखों रुपए की मशीन खरीदी में विभाग के अधिकारियों द्वारा कमीशन का खेल नजर आ रहा है। इस संबंध में मिशन प्रबंधक से चर्चा करने का प्रयास किया गया,लेकिन मोबाइल नहीं लगा। इधर कलेक्टर ने शिकायत मिलने पर जांच करवाने की बात कही है।
समूहों से ब्लेंक चेक पर करवाएं हस्ताक्षर
समूह की महिलाओं ने बताया कि मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मशीन के जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से हाइटेक सिलाई मशीन खरीदी गई है। ऑफिस संगठन (सीएलएफ)के खाते में पैसे नहीं होने पर समूहों के खाते सीआइएफ (ग्राम संगठन) से ब्लेंक चेक लिए गए और फिर अधिकारियों द्वारा मशीन खरीदी गई है। अधिकारी द्वारा ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से समूह पर दबाव बनाकर ब्लेंक चेक लिए गए हैं। यह भी नहीं बताया कि कितनी की मशीन है और कहां से खरीदी जा रही है। समूह के पदाधिकारियों का कहना है कि समूह की महिलाओं द्वारा एक-एक पैसों को जोड़कर रखा जाता और अपने हिसाब से समूहों का संचालन किया जाता है,लेकिन अधिकारियों द्वारा लाखों रुपए की हाइटेक मशीनों की खरीदी करवा दी है। इन मशीनों का कोई औचित्य भी नहीं है। मशीनें हाईटेक सिलाई सेंटर पर ही शोपीस बनी हुई।
लाखों रुपए की हैं मशीनें
समूहों की राशि से अधिकारियों द्वारा जो हाइटेक सिलाई मशीन खरीदी गई है उसकी एक मशीन की कीमत लगभग २३ हजार रुपए बताई जा रही है। पांच सेंटरों भ्भीमपुर, आठनेर, प्रभातपट्टन, आमला और शाहपुर ब्लॉक में मशीनें खरीदी गई है। भीमपुर ब्लॉक की मशीनों को लेकर तो यह कहना है कि जिस कंपनी का बिल मशीन खरीदी के लिए लगाया गया है, उस कंपनी की मशीन ही नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अधिकारी द्वारा अपने परिचितों से थोक में यह मशीनों को खरीदा गया है और अधिक कीमत में मशीन खरीदकर कमीशन में भी लाखों रुपए का गोलमाल करने की बात सामने आ रही है।
प्रशिक्षण और स्टूल के नाम पर भी ली राशि
विभागीय सूत्रों के मुताबिक महिलाओं से प्रति मशीन एक स्टूल खरीदने के लिए भी राशि ली गई है। एक मशीन के लिए एक हजार रुपए का स्टूल खरीदना बताया जा रहा है। समूह की महिला को प्रशिक्षण देने के नाम पर भी राशि निकाली गई है। जबकि समूह की महिलाओं का कहना है कि उन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया गया है और स्टूल भी नहीं मिले हैं।
बुदनी हाइटेक सेंटर का सब्जबाग
अजीविका मशीन के अधिकारियों द्वारा समूहों की महिलाओं को हाइटेक सिलाई मशीन खरीदने के लिए गुमराह करने बुदनी के हाइटेक सिलाई सेंटर का हवाला दिया गया है। महिला समूहों को बताया गया कि बुदनी मेंं महिलाएं सिलाई कर ५०-५० हजार रुपए हर महीना कमा रही है। समूहों की महिलाओं को बुदनी सेंटर का भ्रमण कराने की बात कही गई,लेकिन नहीं ले जाया गया।
मिशन प्रबंधक से मांगी जानकारी
मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त सुधीर जैन ने आजीविका मिशन के मिशन प्रबंधक संदीप सोनी को पत्र लिखकर भी इस संबंध में जानकारी मांगी गई है। जिले में कहां-कहां कितने सिलाई केन्द्र स्थापित किए गए हैं, इनमें कितनी मशीनें व अन्य उपकरण स्थापित किए हैं। प्रत्येक सिलाई केन्द्रवार इनकी स्थापना पर कितना व्यय किया गया है। उपकरणों की जानकारी मांगी गई है। यह व्यय किस मद से किया गया है। राशि की व्यवस्था कहां से की गई है। उक्त सामग्री की खरीदी के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है।
Published on:
23 Sept 2019 05:04 am
बड़ी खबरें
View Allबेतुल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
