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भाजपा जिलाध्यक्ष के चुनाव में धन-बल का प्रयोग, उठाये जा रहे मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि

पार्टी सूत्रों के मुताबिक अब दो बार से सक्रिय सदस्य रहने वाला पार्टी कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकता है

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bjp district president

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भदोही. यूपी के भदोही जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष के चुनाव में धन-बल का प्रयोग कर पद और कब्जा करने के आरोप लगने लगे हैं जिसके बाद मामले की गम्भीरता से लेते हुए शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव के नियमों बदलाव कर दिया है जिसके बाद जिलाध्यक्ष की रेस में शामिल नेताओं ने राहत की सांस ली है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सन्तोष पांडेय ने प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश संगठन मंत्री को पत्र भेजकर बताया कि जिलाध्यक्ष पद के उम्मीदवार धन बल का उपयोग कर मंडल अध्यक्षों और जिला प्रतिनिधियों दबाव बना रहे हैं और उन्हें अनैतिक तृक से उठा कर अपने साथ रख रहे हैं।

ऐसे में सक्रिय सदस्यों को प्रस्तावक व समर्थक बनाने पर विचार किया जाय। जिससे पार्टी की छवि बरकरार रहे। इसके साथ ही अन्य नेताओं की भी शिकायते सामने आ रही थी जिसके बाद शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर चुनाव प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अब दो बार से सक्रिय सदस्य रहने वाला पार्टी कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकता है। उसे अब प्रस्तावक और समर्थक के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे, पार्टी नामांकन करने वाले सभी नेताओं को प्रस्तावक और समर्थक उपलब्ध कराएगी। गौरतलब हो कि भदोही भजपा के जिलाध्यक्ष पद के नामांकन के लिए प्रस्तावक और एक समर्थक होना चाहिए।

प्रस्तावक और समर्थक मंडल अध्यक्ष या जिला प्रतिनिधि ही हो सकते हैं। ऐसे में जिले में वर्तमान में 11-11 मंडलाध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि हैं। पिछले नियमो के मुताबिक अगर किसी को प्रस्तावक समर्थक न मिलते तो उसका नामांकन ही नही हो पाता। ऐसे में पार्टी ने निर्णय लिया है कि नामांकन के दिन सभी मंडलध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। बुधवार को 11 बजे पार्टी कार्यालय पर नए जिलाध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। सूत्रों के मुताबिक अगर दो से तीन नेता ही जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन करते हैं तो परिणाम जल्द आ जायेगा लेकिन माना जा रहा है कि चुनाव ने एक दर्जन से अधिक दावेदार अगर अपना नामांकन करते हैं तो उसमें से तय मानक के अनुसार पांच नेताओं का नाम काशी प्रान्त से प्रदेश कार्यालय भेजा जाएगा और उसके बाद ही नए जिलाध्यक्ष के नाम पर मुहर लगेगी।