जानिए तस्करी का ये नेटवक…र्यहां कोई नहीं रोकता ट्रेक्टर चालक अमर सिंह गुर्जर (बदला हुआ नाम) ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि धौलपुर में चंबल की बजरी मध्यप्रदेश की ओर से राजघाट, तिघरा, घुरैया खेड़ा, कछियारा घाट, समोना घाट, गढ़ीजाफर, डगरा, बरफला, मुख्य घाट मौरोली का घाट से आती है। यहां भरतपुर के लिए धौलपुर का कोतवाली थाना, सदर थाना, निहालगंज थाना, सैंपऊ थाना, यूपी बॉर्डर क्रॉस करने के बाद भरतपुर की सीमा में प्रवेश हो जाएगा। इसके बाद घाटौली पुलिस चौकी, रूपवास थाना, गहनोली मोड पुलिस चौकी, ऊंचा नगला चौकी पड़ती है। यहां कोई नहीं रोकता।
आईजी साहब: यूपी पुलिस करती रही इंतजार…दोनों जिलों से कोई नहीं पहुंचा धौलपुर के सैंपऊ से निकलते ही यूपी का बॉर्डर लगता है, 15 किमी का हिस्सा है। धौलपुर जिले से अवैध बजरी से भरी ट्रेक्टर-ट्रॉलियां निकलने के बाद यूपी इलाके से निकलना पड़ता है। यूपी पुलिस के खैरागढ़ सीओ ने 20-21 जून को वहां पुलिस बल लगा दिया। करीब 100 से अधिक ट्रेक्टर-ट्रॉलियां धौलपुर इलाके में खड़ी रही। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी भरतपुर व धौलपुर दोनों ही जिलों से पुलिस नहीं पहुंची। यहां पुलिस व बजरी माफिया के बीच दर्जनों बार फायरिंग व पथराव की घटना भी हो चुकी है।
बड़ा राज: एसएचओ का भतीजा और एक स्कार्पियो ? बजरी माफिया इस खेल के बीच एक और बड़ी सामने आई है। जो कि जांच का भी विषय है। ग्रामीणों ने बताया कि एक एसएचओ का भतीजा भूरा ही अकेले 20 से 30 ट्रेक्टर चला रहा है। निर्धारित समय के हिसाब से एक स्कार्पियो आकर ट्रेक्टर चालकों से राशि लेकर जाती है। ज्यादातर महीने में एक बार ही हिसाब होता है। ट्रेक्टरों को निकालने के लिए लग्जरी गाड़ी भी एस्कॉर्ट के लिए रहती है। जरा सी सुरक्षा में चूक दिखने पर फायरिंग तक कर दी जाती है।
यह भी जानिए -करीब 20 दिन पहले अघापुर-पंजाबी नगला के बीच बजरी माफियाओं के बीच फायरिंग हो चुकी है। पुलिस पहुंची, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। -कुछ महीने महीने मई गूजर गांव में ग्रामीणों व बजरी माफियाओं के बीच झगड़ा हुआ था।
-करीब एक साल पहले एएसआई पर बजरी माफियाओं ने पथराव किया था। इस मामले में आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। माफिया पिस्टल लहराते हुए निकल गए थे। -सेवर थाना इलाके में एएसआई से मारपीट हुई थी। इसमें माफिया राजीनामा की कोशिश में जुटा है। एक कांस्टेबल की भूमिका मुख्य है।
बिंदुवार समझिए अवैध बजरी के काले कारोबार की कहानी 1. धौलपुर से रूपवास व रूपवास से भरतपुर तक दो गुट कारोबार चला रहे हैं। 2. अगर पुलिस व खनिज विभाग का दबाव नहीं है तो प्रति ट्रॉली आठ से नौ हजार रुपए और दबाव है तो प्रति ट्रॉली 12 हजार रुपए बिकती है। दबाव है तो दाम आधे हो जाते हैं।
3. गहनौली मोड चौकी से 50-55 ट्रेक्टरों का आवागमन उच्चैन साइड पर। सभी को अलग-अलग एरिया दे रखे हैं। 4. खानुआ मोड चौकी डाबर सिरौली होकर फतेहपुर सीकरी, खैरागढ़ तक ट्रॉली जाती है।
5. पंजाबी का नगला से अघापुर साइड, यहां से सेवर के उच्चैन चौराहे के लिए सुखावली होकर पहुंच जाते हैं। 6. गांव मलाह से होकर भरतपुर में प्रवेश कर जाते हैं। 7. पंजाबी नगला से चार किमी की दूरी पर मई गूजर गांव है, 200 मीटर पहले अभयराम का नगला होते हुए बहनेरा निकलते हैं। बहनेरा से होते हुए ऊंचा नगला नहीं जाना पड़ता है।
8. जो बजरी माफिया के गुट से नहीं जुड़े हैं वह मई गूजर से होकर चिकसाना व यूपी के लिए निकल जाते हैं। 9. खुद के दम पर सांठगांठ करने वाले ऊंचा नगला पुलिस चौकी से होकर निकलते हैं।
इनका कहना है -अवैध बजरी की तस्करी दोनों जिलों की पुलिस के लिए चुनौती है। धौलपुर जिले में बहुत बड़ी कार्रवाई की गई हैं। दोनों जिलों के एसपी को निर्देशित किया गया है। भरतपुर में पुलिस व बजरी माफिया कई बार आमने-सामने हो चुके हैं। कुछ मामले मेरे प्रसंज्ञान में आए हैं। बड़े स्तर पर कार्रवाई कर अवैध बजरी की तस्करी पर अंकुश लगाया जाएगा।
प्रसन्न कुमार खमेसरा
आईजी भरतपुर रेंज
-वैसे चंबल की बजरी जहां से निकलती है वह एरिया वन विभाग में आता है, लेकिन भरतपुर में तस्करी के मामले में कार्रवाई के लिए हमने टीम को अलर्ट कर दिया है। पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी।
प्रताप मीणा
एसएमई, खनि विभाग भरतपुर