जेल में कपड़े के मास्क पुरुष व महिला बंदी तैयार कर रहे हैं। इसमें टेलरिंग का कार्य जानने वाले करीब 14 बंदी शामिल हैं। इसके अलावा महिला जेल में करीब 40 से 50 महिलाएं भी अपना सहयोग कर रही हैं। जेल में फैक्ट्री समय में यह कार्य हो रहा है और तय 8 घंटे में इन दिनों टेलरिंग कार्य में प्रशिक्षित बंदी कपड़े के मास्क बनाने में लगे हुए हैं।
केन्द्रीय कारगार में अभी तक बने मास्कों को पहले भरतपुर संभाग की जिला और उप कारागारों में सप्लाई किए गए हैं। इसमें धौलपुर, सवाईमाधोपुर, गंगापुरसिटी, हिण्डौन, करौली, डीग व बयाना उपकारागार शामिल है। इन जिलों में बंदी और स्टाफ के लिए करीब 2750 मास्क भेजे जा चुके हैं। इससे पहले सेवर जेल के बंदी और स्टाफ में मास्कों का वितरण हो चुका है।
जेल में मास्क बनाने का कार्य नो प्रॉफिट-नो लॉस पर हो रहा है। कपड़े से बन रहे एक मास्क की कीमत करीब 8.40 रुपए आ रही है। इसमें केवल मास्क बनाने में लगे बंदियों की श्रम राशि ही निकल रही है। अब जेल प्रशासन को बाहर से भी ऑर्डर मिलना शुरू हो गया है। पहला ऑर्डर भरतपुर आरएसी से करीब 700 मास्कों का मिला है। इस ऑर्डर की सोमवार को सप्लाई कर दी जाएगी।