
शहर की कृष्णानगर कॉलोनी स्थित मॉडर्न इंग्लिश स्कूल समिति को सरकारी रियायती दर पर आवंटित जमीन हड़पने के लिए हर हथकंडा अपनाया गया। मूल संस्था के सदस्यों के स्थान पर नए सदस्यों के नाम जोडऩे का खेल तो हुआ ही, इसी जमीन व उसके भवन का पता देते हुए एक नई संस्था और बना ली गई।
सहकारी संस्था विभाग के रजिस्ट्रार ने भी इस गड़बड़ी को उजगार किया है। इस सबके बावजूद उक्त जमीन व भवन को नगर निगम अपने कब्जे में नहीं ले रहा है। करोड़ों की इस जमीन पर धड़ल्ले से कॉलेज संचालन हो रहा है।
रजिस्ट्रार ने पकड़ा संस्था में घोटाला
मॉडर्न इंग्लिश स्कूल समिति के कथित सदस्य सचिव सुरेशचंद गुप्ता को रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं की ओर से गत दिनों एक पत्र भेजा गया था। पत्र में कहा गया कि संस्था के पंजीयन (149/1972-73) से संस्थापक सदस्यों एवं तत्कालीन कार्यकारिणी द्वारा किन-किन को संस्था का विधिवत सदस्य बनाया गया एवं हटाया गया है, इसके सम्बन्ध में कोई भी पत्र व्यवहार अधिनियम की धारा 4 व 4 (क) के अनुसार नहीं किया गया है।
नहीं ले सके कब्जा
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2000 में कृष्णानगर योजना यूआईटी से नगर निगम को हस्तांतरित की गई थी। इसके बाद सुरेशचंद गुप्ता नामक व्यक्ति ने स्वयं को व्यवस्थापक बताते हुए नगर परिषद में लीज स्वयं के नाम करा ली। वर्ष 2016 में नगर निगम की ओर से आवंटन निरस्त कर दिया गया। इसके बावजूद निगम अभी तक भवन पर अपना सरकारी कब्जा नहीं ले सका है। व्यक्ति विशेष के कब्जे वाली इस जमीन पर बने भवन में धड़ल्ले से अवैध तौर पर कॉलेज संचालित चलाया जा रहा है।
जवाब मांगते सवाल
गुप्ता द्वारा 3 मार्च 2016 को बीस सदस्यों की सूची प्रस्तुत की गई। इसमें कार्यकारिणी का निर्वाचन कराना दिखाया गया है। जबकि वर्तमान सूची में केवल एक ही संस्थापक सदस्य का नाम है। इस तरह निम्न सवाल और खड़े हो गए, जिनका गुप्ता कोई ठोस लिखित जवाब पेश नहीं कर सके। यह सवाल निम्न हैं :
- शेष तेरह सदस्य कब हटाए गए, किस कारण से हटाए गए, इस सम्बन्ध में कोई भी रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किया गया है।
- इसके अलावा 19 अन्य सदस्य कब-कब व किसके द्वारा बनाए गए, इसकी पुष्टि कार्यालय रिकॉर्ड से नहीं होती है।
- संस्था के कुल 14 संस्थापक सदस्यों में से 13 सदस्यों के हट जाने पर संस्था राजस्थान रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1958 की धारा 12 व 14 के अंतर्गत विघटित हो जाती है।
कपटपूर्ण दस्तावेज देख लगाई रोक
इस प्रकरण में रजिस्ट्रार ने स्पष्ट किया कि संस्था की आमसभा 20 जनवरी 2016 को निर्वाचित कार्यकारिणी व विधान की धारा 7 में किए गए संशोधन पर मिथ्या एवं कपटपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करने के कारण रोक लगाई जाती है। इस पत्र में यह भी कहा गया कि पेन्टी कॉस्टल एज्युकेशन एंड चैरिटेबल सोसायटी (पंजीयन क्रमांक 464/ 1982-83) में सचिव पद पर होना भी संहेदपूर्ण है, क्योंकि दोनों संस्थाएं समान उद्देश्य वाली हैं। इसमें गुप्ता का व्यक्तिगत हित होना प्रतीत होता है।
Published on:
31 Jul 2017 11:23 am
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