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बॉक्सिंग का जुनून ऐसा…प्रशिक्षण देकर छह खिलाडिय़ों को बनाया सरकारी अधिकारी-कर्मचारी

locationभरतपुरPublished: Jun 23, 2021 12:55:34 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

खुद बॉक्सर बनने के बाद दूसरों को दी प्रेरणा, ओलपिंक दिवस विशेष: बॉक्सिंग संघ सचिव डॉ. राकेश चाहर ने दिया प्रशिक्षण

बॉक्सिंग का जुनून ऐसा...प्रशिक्षण देकर छह खिलाडिय़ों को बनाया सरकारी अधिकारी-कर्मचारी

बॉक्सिंग का जुनून ऐसा…प्रशिक्षण देकर छह खिलाडिय़ों को बनाया सरकारी अधिकारी-कर्मचारी

भरतपुर. वैसे तो जिले में हर खेल में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। पहलवानी व बॉक्सिंग को लेकर भी खासा उत्साह देखने को मिलता है। भरतपुर बॉक्सिंग संघ सचिव डॉ. राकेश चाहर का भी संघर्ष कम नहीं है।
चाहर ने सैनिक स्कूल चित्तौढगढ में अध्ययन के दौरान बॉक्सिंग खेल में भाग लिया वो लगातार चार बार सैनिक स्कूल चित्तौडगढ के बेस्ट बॉक्सर रहे। स्कूली शिक्षा के पश्चात् वर्ष 1999 में उन्होंने भरतपुर में बॉक्सिंग खेल को चालू किया। वर्ष 2000 से 2006 तक लगातार सात बार ऑल इण्डिया यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में राजस्थान विश्वविद्यालय एवं आगरा विश्वविद्यालय (डॉ. बीआर अम्बेडकर विवि) का बतौर कप्तान प्रतिनिधित्व किया। ये दोनों विश्वविद्यालयों के बेस्ट बॉक्सर भी रहे। भरतपुर में बॉक्सिंग के क्षेत्र में शुरुआती समय में सुविधाएं, उपकरण एवं संसाधन नगण्य थे। अपने स्तर पर खेल उपकरण एवं सामग्री पॉकेट से बचाकर नए-नए खिलाडिय़ों को एमएसजे कॉलेज में प्रशिक्षण देते रहे। इसके परिणामस्वरूप बॉक्सिंग खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेले और ऑल इण्डिया पुलिस में भी मेडल जीतने में सफल रहे। सत्र 2007-08 में इन्होंने बतौर अंग्रेजी स्कूल लेक्रर (पीजीटी) अनुबन्ध के आधार पर नवोदय विद्यालय मावली (उदयपुर) में पढाया वहां हाउस मास्टर एवं बॉक्सिंग के प्रशिक्षक के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। ओपन के अलावा विभिन्न वर्गों की महाविद्यालयी, विद्यालयी, विश्वविद्यालयी एवं पुलिस बॉक्सिंग प्रतियेागिताओं के आयोजन कराने एवं बतौर रैफरी जज नि:शुल्क अवैतनिक 16 वर्षों से अपना योगदान दिया। वर्तमान में डॉ. राकेश चाहर उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग में अछनेरा (आगरा) में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत हैं।
जिन्हें दिया प्रशिक्षण वे इन पदों तक पहुंचे

शहर में तिलक नगर निवासी भगवत परिहार की दो बार ऑल इण्डिया यूनिवर्सिटी एवं नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन के बाद सीआरपीएफ. (सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) में तैनाती हुई। सीआरपीएफ की सेन्ट्रल बॉक्सिंग टीम में भी ये शामिल रहे। वर्तमान में हैड कांस्टेबल पद पर दिल्ली में पदस्थापित हैं।

बरौदा बयाना निवासी विष्णु गुर्जर ऑल इण्डिया यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग प्रतियोगिता एवं ओपन बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे। ये सीआईएसएफ में सब इंसपेक्टर भर्ती हुए। प्रायोगिक परीक्षा पश्चात ये बीएसएफ में असिस्टेंट कमाण्डेन्ट बने। वर्तमान में ये गंगानगर में बीएसएफ में कमाण्डेन्ट पद पर कार्यरत हैं।

सजौला कुम्हेर (भरतपुर) निवासी अनिल चौधरी ने ऑल इण्डिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिताओं में राजस्थान विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। तत्पश्चात राजस्थान पुलिस में भर्ती होने पर भी ऑल इण्डिया पुलिस बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में राजस्थान पुलिस का प्रतिनिधित्व किया। वर्तमान में ये राजसमन्द जिले में स्पेशल टीम में हैड कांस्टेबल पद पर कार्यरत हैं।

चिकसाना गांव के रामबिहारी फौजदार बॉक्सिंग के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे। बॉक्सिंग में प्रदर्शन के आधार पर इनकी नियुक्ति रेल्वे प्रोटेक्शन फोर्स (रेल्वे पुलिस) में तैनाती हुई। इन्होंने ऑल इण्डिया पुलिस बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में रेल्वे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) का प्रतिनिधित्व किया। वर्तमान में ये अजमेर में पदस्थापित हैं।
राजस्थान पुलिस की हैड कांस्टेबल मनीषा चाहर ने ऑल इण्डिया पुलिस बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में कांस्य एवं रजत पदक जीते। इनका गैलेन्ट्री प्रमोशन हुआ। वर्तमान में ये एनआईएस डिप्लोमा के पश्चात राजस्थान पुलिस की बॉक्सिंग कोच का दायित्व संभाल रही हैं। इनका द्वितीय गैलेन्ट्री प्रमोशन अभी विचाराधीन हैं।
शहर के श्याम नगर कॉलोनी निवासी संदीप देशवाल ने तीन बार कोटा विश्वविद्यालय का बतौर टीम कप्तान ऑल इण्डिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिताओं में भाग लिया। बीपीएड, एमपीएड के पश्चात् वर्तमान में राजस्थान शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षक हैं। वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर लोहागढ स्टेडियम में कार्यरत हैं। वर्तमान में बॉक्सिंग खेल में पीएचडी कर रहे हैं।

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