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भाजपा पार्षद बोले: जनता के लिए काला वर्ष रहेगा मेयर का एक वर्ष का कार्यकाल

locationभरतपुरPublished: Nov 29, 2020 05:34:13 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-नगर निगम का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर भाजपा पार्षदों ने किया सद्बुद्धि यज्ञ

भाजपा पार्षद बोले: जनता के लिए काला वर्ष रहेगा मेयर का एक वर्ष का कार्यकाल

भाजपा पार्षद बोले: जनता के लिए काला वर्ष रहेगा मेयर का एक वर्ष का कार्यकाल

भरतपुर. नगर निगम का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर भाजपा पार्षदों ने शनिवार को दाता गणेश हनुमान मंदिर पर सद्बुद्धि यज्ञ किया। पार्षद ने आरोप लगाया कि मेयर अभिजीत कुमार का एक वर्ष का कार्यकाल जनता के लिए काला वर्ष के रूप में रहा। इसके लिए एक सद्बुद्धि यज्ञ वेदपाठी पंडित ने कराया।
पार्षदों ने कहा कि नगर निगम के बोर्ड को बने हुए एक वर्ष व्यतीत हो चुका है। मेयर अभिजीत कुमार ने पदभार ग्रहण करते समय कहा था कि उनके 25 वर्ष देखें अब हमारे पांच वर्ष देखो, छह माह के अंदर शहर की आवारा गोवंश/सांडों से मुक्ति का वायदा किया, 100 दिवसीय कार्य योजना में कच्चे परकोटे के पट्टे देने का वायदा किया, भरतपुर शहर को स्मार्ट सिटी की तरह विकसित करना ऐसे अनेक वायदे जनता से किए गए, लेकिन पदभार ग्रहण करने के बाद मेयर ने नगर निगम की पहली साधारण सभा की बैठक में भारी भरकम एजेन्डा प्रस्तुत कर बैठक आहूत की। इसमें जनहित के कम व कमाऊ बिन्दु ज्यादा थे। एजेन्डे में आवारा गोवंश पकडऩे का बिन्दु ही नदारद था जिसके बारे में मेयर ने पदभार ग्रहण करते ही वायदा किया था जिसे पार्षदों की विशेष मांग पर अलग से जोड़ा गया। पहली साधारण सभा की बैठक में जो निर्णय किए गए उन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जब शहर कोरोना महामारी से जूझ रहा था तो मेयर शहर की जनता की मदद करने के बजाय खुद ही जयपुर चले गए तथा यहां पर रहे तो अपने चहेते पार्षदों को ही अपने हस्ताक्षर से अधिकतम राशन किट दिलवाई। पार्षदों ने अपने स्वयं के प्रयासों से जो आमजन की सेवा कर सके वह की। मेयर ने मुख्यमंत्री की चाटुकारिता करने के लिए भरतपुर की जनता के पैसे को बिना बोर्ड की अनुमति लिए ही 50 लाख रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष में देकर आए। इसे ऐसे प्रदर्शित किया गया कि स्वयं अपने स्तर पर देकर आए हैं। यह भरतपुर की जनता के साथ धोखा था। कोरोना काल में इस पैसे से शहर की जनता की मदद की जा सकती थी। इस पर भी मेयर ने अपने अनाधिकृत अधिकारों से निगम को चलाने की चेष्टा की जिस पर निगम प्रशासन से उनका टकराव चल रहा है। उन्होंने निगम प्रशासन को ही भ्रष्टाचार के दायरे में ला दिया जिसके स्वयं मुखिया हैं और भ्रष्टाचार की जांच की मांग की। मेयर ने न तो निगम में प्रस्तावित कमेटियों का गठन किया। इससे कार्य अधिक जबावदेही से किया जा सके। पूरे एक वर्ष में जनहित के मुद्दों के विचार विमर्श के लिए मात्र एक ही बैठक आयोजित की गई है। भाजपा पार्षदों व अन्य पार्षदों द्वारा नियमित अन्तराल में साधारण सभा की बैठक के लिए आग्रह किया। इस मौके पर रूपेन्द्र सिंह, श्याम सुन्दर गौड़, विमलेश सुन्दर सिंह, सुमन प्रेमपाल, सुधा, अनिल शर्मा, रामेश्वर सिंह, नरेश जाटव, कलुआराम मीणा, भगवान सिंह, शिवानी दायमा, विष्णु मित्तल, भरत सिंह धाऊ, भानू प्रताप, नरेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।
मेयर बोले: मेरे साथियों को पूरी नॉलेज रखनी चाहिए, वो भी सच

नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार ने भाजपा पार्षदों के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि मेरे साथी भाजपा के पार्षदों को कोई भी बात पूरी नॉलेज रखकर कहनी चाहिए। पूरा देश कोरोना से जूझ रहा है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहायता राशि दी गई। ऐसे तो आरबीएम अस्पताल में भी रुपए, पीपीई किट समेत अन्य संसाधन दिए गए। बाकी भाजपा की मानसिकता इसी बात से झलकती है कि वह वैश्विक महामारी में मदद को लेकर भी आरोप लगाने से नहीं चूक रही है। बाकी शहर के विकास व कर्तव्य के निर्वहन के लिए भरतपुर में समय देता हूं। पहले भी एक ज्ञापन खुद भाजपा पार्षदों ने ही मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए दिया था। मैंने तो उनकी बात पर भी जांच कराने का प्रस्ताव रखा था। अब समझ नहीं आता कि मेरे ये साथी कहते क्या हैं और चाहते क्या हैं?
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