6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan Assembly Election 2023: कहानी पानी से शुरू और पानी पर ही खत्म…डिजिटल फ्रॉड में बहके कदम

Rajasthan Assembly Election 2023: संभाग मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर नगर-कामां विधानसभा क्षेत्र के बॉर्डर पर एक थड़ी पर कुछ किसान जमा हैं, कोल्डड्रिंक से गला तर कर रहे इन किसानों के माथे पर पानी को लेकर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थी।

3 min read
Google source verification
alwar.jpg

सुनीलसिंह सिसोदिया/भरतपुर. Rajasthan Assembly Election 2023: संभाग मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर नगर-कामां विधानसभा क्षेत्र के बॉर्डर पर एक थड़ी पर कुछ किसान जमा हैं, कोल्डड्रिंक से गला तर कर रहे इन किसानों के माथे पर पानी को लेकर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थी। खेती और पेयजल को लेकर चल रही बहस को सुनने के बाद मैंने भी पानी को लेकर किसानों से सवाल किया तो बोले, खेती के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। पीने के लिए चंबल नदी का पानी तो आया, लेकिन आधा-अधूरा ही मिल रहा है। यही वजह है कि सरसों की खेती ही हो रही है। इस फसल में पानी की कम जरूरत होती है। क्षेत्र में मुख्य सड़कों के अलावा अन्य सड़कों की स्थिति भी ज्यादा ठीक नहीं है।

भरतपुर जिले के नगर, डीग-कुम्हेर और कामां विधानसभा क्षेत्र के दौरे में लोगों से मन की बात जानी तो खेती, पेयजल, कस्बाई क्षेत्रों में सीवरेज निकासी, रोजगार और बढ़ती अपराध की घटनाओं की चर्चा ही सामने आई। मेवात क्षेत्र में तो डिजिटल फ्रॉड की घटनाएं चरम पर हैं। इसे भी क्षेत्र के विकास में लोगों ने बड़ी बाधा बताया।

यह भी पढ़ें : कांई मत पूछो...म्हाकी तो सारी फसलां ही खराब होगी, बीमों अबार ताईं न मल्यो


नगर : सीकरी बांध भरने के प्रयासों की जरूरत
लंबे इंतजार के बाद नगर विधानसभा क्षेत्र में चंबल का पानी पीने के लिए तो पहुंच तो गया है, लेकिन अब भी लोगों को जरूरत के मुताबिक नहीं मिल रहा। कुछ इलाकों में अब भी पानी पहुंचने का इंतजार है। पानी को लेकर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए तरुण कुमार व प्यारेलाल कहते हैं कि अभी पानी पाटको, भटपुरा, रायपुरा सहित आस-पास के क्षेत्रों से टैंकरों से मंगाना पड़ रहा है। एक टैंकर चार सौ से पांच सौ रुपए में मिल रहा है। गांव पनौटी में देवीराम व इंद्रपाल ने भी सबसे बड़ी समस्या पानी ही बताई। इनका कहना था कि गुडग़ांव कैनाल से क्षेत्र में पानी आए तो राहत मिले। नगर क्षेत्र का सबसे बड़ा बांध सीकरी सूख चुका है।


डीग-कुम्हेर : किले की खाई में ही सीवरेज निकासी
डीग विधानसभा क्षेत्र में चंबल का पानी आने से राहत तो मिली है, लेकिन अब यहां कस्बे के सीवरेज की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। शहर के बीच स्थित किले के चारों और बनी खाई को ही सीवरेज के पानी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे शहर में बदबू और मच्छरों के पनपने से बीमारियों का खतरा हर पल बना है।

यह भी पढ़ें : जैसलमेर एक रंग अनेक, ग्रीन एनर्जी और टूरिज्म हब से लेकर रेडिएशन तक

अपराध पर नहीं...विकास पर 'ब्रेक'
हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कामां विधानसभा क्षेत्र मेवात क्षेत्र का ही हिस्सा कहलाता है। इस क्षेत्र में तमाम तरह के अपराध और डिजिटल फ्रॉड की घटनाएं बड़े पैमाने पर होने होने से क्षेत्र का विकास लगभग ठहर सा गया है। फतेहसिंह और श्याम का कहना था कि अस्पताल में चिकित्सक और स्कूलों में अध्यापकों की कमी हमेशा बनी रहती है। अपराध की घटनाओं के चलते यहां रोजगार का कोई साधन नहीं है।


कामां : एक बार पानी मतलब पांच साल सजा
नगर और कामां विधानसभा क्षेत्र के बॉर्डर पर एक चाय की दुकान पर बैठे गोपाल और हरमिंदर ने बताया कि जमीन के अंदर कुछ जगहों पर सौ-सवा सौ फीट पर मीठा पानी है, लेकिन वह इतना कम है कि पूरी तरह प्यास बुझाना मुश्किल है। गहरा बोरिंग खोदने पर पानी खूब है, लेकिन समुद्र जैसा खारा है, जो फसल के लिए जहर है। यदि एक बार खेत में लगा दिया तो कम से कम पांच साल के लिए खेती बंजर हो जाती है। खरपतवार तक नहीं उगते।

चुनावों से जुड़ी अन्य खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...