
Saurabh Katara Emotional Story
Bharatpur News: ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में आतंकियों को उनके किए की सजा दे दी है और आतंकियों को सफाया अभी भी जारी है। ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों का सफाया करने से पहले भी आतंकियों ने कई सिंदूर उजाड़े, समय-समय पर भारतीय सेना ने उनको मुंह तोड़ जवाब दिया। लेकिन इस बीच कहानी उस फौजी की जिसकी जिंदगी चार तारीखों में ही सिमट कर रह गई। उसे आतंकियों ने उस समय गोली मारी जब वह शादी के सिर्फ आठ दिन बाद बॉर्डर पर वापस चला गया था। पत्नी को कहा था कि वह जल्द ही लौटेगा… लेकिन किसे पता था कि अपने ही जन्मदिन पर वह जिंदा नहीं पहुंच सकेगा। सौरभ की कहानी आज भी रूला देती है। परिवार इस घटना को याद कर आज भी सिहर उठता है….।
बात दिसम्बर 2020 की है। राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित बरौली गांव में एक परिवार में चीत्कारें मची हुई थीं। वहां मौजूद हर शख्स की आंखे नम थीं। सेना के अफसरों के साथ ही जन प्रतिनिधी भी मौजूद थे। परिवार के लोग सिर्फ 17 दिन पुरानी दुल्हन को सांत्वना देने की हिम्मत तक नहीं कर पा रहे थे। हाथों की मेंहदी अभी भी जमी थी… वह इंतजार कर रही थी कि पति के पहले जन्मदिन का, उन्हें उपहार देने का। लेकिन किसे पता था कि जन्मदिन पर ही पार्थिव देह पहुंचेगी।
सौरभ की शादी आठ दिसम्बर को ही हुई थी। उसके बाद पंद्रह दिसम्बर को सौरभ फिर से बॉर्डर पर पहुंच गए थे। लेकिन कुपवाड़ा में तैनाती के दौरान अचानक आतंकी हमला हुआ और सौरभ की जान चली गई। उनका 25 दिसम्बर को ही जन्मदिन था और पत्नी सरप्राइज देने की तैयारी कर रही थी। लेकिन किसे पता था कि सौरभ पत्नी ही नहीं पूरे परिवार को सरप्राइज कर देंगे। सौरभ की पार्थिव देह उनके जन्मदिन पर पहुंची। पत्नी ने भी कांधा दिया और घंटो तक रोई।
लेकिन इतना होने के बाद भी फौज से रिटायर पिता का जोश कम नहीं हुआ। वे दबी जुबान और आंखों में आंसू भरे बोल रहे थे कि छोटे बेटे को भी फौज में ही भेजूंगा, देश की सुरक्षा सबसे पहले है। पिता नरेश कटारा के इन शब्दों के बाद वहां मौजूद हर कोई व्यक्ति उनके फौजी होने पर गर्व कर रहा था। इस घटना ने परिवार को ऐसा तोड़ा कि वह कभी नहीं उबर सका। हाल ही में पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर समेत अन्य घटनाओं ने फिर से सौरभ कटारा की याद ताजा कर दी है।
Updated on:
16 May 2025 01:19 pm
Published on:
16 May 2025 01:18 pm
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