अब तक इसकी सूचना सिचाई विभाग और प्रशासन को नहीं है। ग्रामीणों ने पानी को जंगल में जाने से रोक कर नेकपुर मोरा खोल दिया। जिससे पानी उच्चैन की तरफ आना शुरू हो गया है।
बरसात के दिनों में तबाही मचाने वाली बाणगंगा नदी पिछले 28 साल से सूखी पड़ी थी। किसान क्षेत्र के लोगों को नदी में पानी की आवक होने का इंतजार था। लेकिन अब नदी में पानी आने से भूमि का जलस्तर में बढेगा और लंबे समय से नहर, कुएं बांध आदि जल स्त्रोत आदि रिचार्ज हो जाएंगे।
बाणगंगा से निकलने वाली प्रमुख नहरें
बाणगंगा नदी से निकलने वाली प्रमुख फीडर नहरों में रमेश स्वामी, पथैना, हलैना, धरसोनी, उच्चैन, लालपुर, ललिता मूडिया, हेलक, सरसैना, बिजवारी, खेरली गुर्जर आदि है। इनसे भरतपुर के घना सहित 75 से अधिक बांध, 200 गांवों की पोखरें तथा करीब 20 हजार बीघा भूमि की सिंचाई होती है।