
अब स्वच्छता रैंकिंग सुधारना चुनौती, 7500 अंकों के आधार पर रेटिंग
भरतपुर. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 का टूल किट जारी किया जा चुका है। इस साल सर्वे में सबसे बड़ा बदलाव अंकों में किया गया है। सर्वेक्षण में अलग-अलग केटेगरी के कुल 7500 अंकों के आधार पर रैंकिंग की जाएगी। पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण छह हजार अंकों के आधार पर रैंकिंग हुई थी। सफाई मित्रों की सुरक्षा के लिए भी अंक तय किए गए हैं। इस बार भी भरतपुर शहर को बेहतर रैंकिंग प्राप्त दिलाने के लिए नगर निगम को इंतजाम दुरुस्त करने पड़ेंगे। अभी शहर में कॉलोनियों व घरों से डोर-टू-डोर कलेक्शन को लेकर कई जगह ऑटो टिपर नहीं पहुंच रहे हैं। साथ ही प्रमुख चौराहोंं व मुख्य मार्गों पर गंदगी फैली नजर आ रही है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में कुल 6000 अंक ही थे। इसके लिए टीम की ओर से सर्वे किया जा चुका हैं। जल्द ही परिणाम के आधार पर रैंकिंग जारी कर दी जाएगी। साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के लिए टूल किट जारी कर दिया है। इसके तहत अलग-अलग केटेगरी में कुल 7500 अंकों के आधार पर केंद्र की टीम की ओर से सर्वे किया जाएगा। सर्वे में में कूड़ा प्रोसेसिंग, लिफ्टिंग, सेग्रीगेशन, सफाई, सिंगल यूज प्लास्टिक बैन व सीएंडडी (कचरे को अलग-अलग करने व निस्तारण करने) प्लांट के लिए कुल तीन हजार अंक निर्धारित हैं। इस बार सफाई मित्रों (सफाई कर्मियों) की सुरक्षा के अंक भी सर्वे में जुड़ेंगे। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 40 प्रतिशत यानी तीन हजार अंक रखे गए हैं। इसके तहत देखा जाएगा कि नगर निगम ने डिजिटल ट्रेकिंग लागू किया या नहीं। इसमें सफाई संबंधी व्यवस्था,स्वच्छता एप और सफाई मित्र सुरक्षा को भी जोड़ा है।
सफाई के इंतजाम रैंकिंग में अहम हिस्सा...
शहर में सफाई इंतजामों में सुधार की जरुरत है। शहर में प्रमुख चौराहों व कॉलोनियां आदि जगहों पर बने कचरा प्वाइंटों व कंटेनरों से कचरे का नियमित उठाव नहीं होने से सड़क पर गंदगी फैली रहती है। वहीं शहर के एंट्री प्वांइट्स पर घना के आसपास, अखड्ड के पास सड़क किनारे मृत मवेशी व गंदगी से अटे हुए है। इनकी दुर्गंध से आसपास के लोगों व वहां से गुजरने वाले राहगीरो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पहले कब क्या रही रैंकिंग
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में 262 व प्रदेश में 11वीं, 2020 में भरतपुर नगर निगम को देश में 249वीं और प्रदेश में 11वीं रैंक मिली थी। जबकि वर्ष 2019 में देशभर में 279वीं व प्रदेश में 14वीं रैंक आई थी। वर्ष 2016 में 395वीं रैंक थी। वर्ष 2017 में हम पिछड़कर 434 वीं रैंक पर पहुंच गए। वर्ष 2018 में फिर कुछ सुधार हुआ और 259वीं रैंक पर आ गए थे। जबकि वर्ष 2019 में 279वीं रैंक आई। राज्य स्तर पर वर्ष 2018 में 16वीं और वर्ष 2019 में 14वीं रैंक आई थी। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्ष 2016 से स्वच्छता सर्वेक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इसमें आबादी के हिसाब से विभिन्न कैटेगरी में रैंक निर्धारित की जाती है। बेहतर रैंक लाने वाले शहरी निकायों को प्रधानमंत्री की ओर से सम्मानित किया जाता है। साथ ही स्वच्छता रैंक बेहतर लाने की कोशिश के साथ शहरों की सफाई व्यवस्था में भी सुधार होता है।
इनका कहना है
-शहर में सफाई इंतजामों को दुरुस्त करने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी। नियमित सफाई व्यवस्था, कचरे का नियमित उठाव से लेकर कचरा प्वांइंट पर पहुंचाने के लिए प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है। रैंकिंग को और सुधारा जाएगा।
अभिजीत कुमार
मेयर, नगर निगम
Published on:
17 Dec 2021 08:03 am
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