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अपहरण के दो माह गुजरे, लेकिन पुलिस शांत, ग्रामीणों का इस कदर हंगामा!

-आक्रोशित लोगों ने थाने में किया विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन देकर सात दिन का दिया अल्टीमेटम

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डीग जिले के कैथवाड़ा थाना क्षेत्र की एक नाबालिक लडक़ी का गांव के ही एक युवक की ओर से अपहरण करने तथा पीडि़त परिवार के नामजद मुकदमा दर्ज कराने के बावजूद पचास दिन बीत जाने के बाद भी जब पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तथा न ही बालिका को दस्तयाब किया गया तो पुलिस की उदासीनता के कारण रविवार को क्षेत्र के लोगों का धैर्य जवाब दे गया तथा कई गांवों के ग्रामीण एकत्रित होकर कैथवाड़ा थाने पहुंच गए एवं जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया तथा उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। सूचना पाकर डीएसपी पहाड़ी गिर्राज सिंह तथा गोपालगढ़ थानाधिकारी मनीष शर्मा कैथवाड़ा थाने पंहुचे तथा लोगों से बातचीत एवं समझाइश की। बातचीत के बाद लोगों ने डीएसपी को मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन देकर सात दिन का अल्टीमेटम दिया तथा कहा कि यदि पुलिस की ओर से सात दिन में कोई समुचित कार्यवाही नहीं की गई तो मजबूरन लोगों को धरना प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इस पर डीएसपी गिर्राज सिंह की ओर से लोगों को सात दिन में मामले में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इस पर ग्रामीण धरना समाप्त कर चले गए।
पहाड़ी व्यापार महासंघ के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि 24 जनवरी को कैथवाड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव की एक नाबालिक लडक़ी को उसी गांव का एक युवक अपहरण करके ले गया था। घटना के संदर्भ में बालिका के परिजनों की ओर से कैथवाड़ा थाने में उसी दिन नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के पचास दिन बाद भी जब मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो क्षेत्र के लोगों का धैर्य जवाब दे गया तथा सबसे पहले तो सैकड़ों की संख्या में क्षेत्र के कई गांवों के लोग कैथवाड़ा में एकत्रित हुए तथा घटना को लेकर पंचायत की गई। इसके बाद सभी लोग आक्रोशित होकर कैथवाड़ा थाने पहुंचे तथा विरोध प्रदर्शन किया एवं उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।
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एक दिन पूर्व हुई थी सर्व समाज की पंचायत
लोगों की ओर से डीएसपी को दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि मामले में 15 मार्च को क्षेत्र के कई गांवो के लोगों ने एक सर्व समाज की बड़ी पंचायत की थी। इसमें अपहरण करने वाले युवक के परिवार वालों को भी बुलवाया गया था, लेकिन अपहरणकर्ता के परिवार की ओर से कोई सहयोग नहीं किया गया तथा न ही कोई सकारात्मक बातें की गई। अपहरणकर्ता के परिवार वाले जानते हैं कि लडक़ा और लडक़ी कहां है, लेकिन पीडि़त परिवार जातिगत रूप से उस गांव में अल्पसंख्यक है अत: अपहरणकर्ता पक्ष लडक़ी को देना नहीं चाहता है। मामले में पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अत: पंचायत में यह निर्णय किया गया कि प्रशासन को 22 मार्च तक का समय दिया गया है। इसके पश्चात सर्व समाज के लोगों की ओर से धरना प्रदर्शन किया जाएगा।