8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पटाखे के धमाके के साथ पीछे से पड़ोसी की फायरिंग में हुई थी युवक की मौत

चिकसाना थाने के गांव नगला भमरा में कच्छा-बनियान गिरोह के आने की आशंका में हुई फायरिंग में युवक देशराज की मौत के मामले का पुलिस ने मंगलवार शाम खुलासा कर दिया।

2 min read
Google source verification
bharatpur

accused

भरतपुर. चिकसाना थाने के गांव नगला भमरा में कच्छा-बनियान गिरोह के आने की आशंका में हुई फायरिंग में युवक देशराज की मौत के मामले का पुलिस ने मंगलवार शाम खुलासा कर दिया। पुलिस ने मामले में आरोपी पड़ोसी रामवीर को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने घटना के दिन देशराज के बदमाश आने की सूचना पर छत सूतली बम चलाने के दौरान पीछे से पड़ोसी ने लाईसेंसी हथियार से फायरिंग कर दी, जिसमें देशराज गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर हथियार बरामद के प्रयास में जुटी है। गौरतलब रहे कि 'पत्रिकाÓ ने 21 जुलाई के अंक में 'पुलिस का दावा: बदमाशों की गोली लगने से नहीं हुई युवक की मौतÓ और 23 जुलाई के अंक 'सूतली बम के धमाकों के बीच लगी थी नगला भवरा में युवक को गोलीÓ में खबर प्रकाशित कर पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि युवक की मौत कच्छा बनियान गिरोह की वारदात में नहीं हुई।


थाना प्रभारी राजेश खटाना ने बताया कि गांव नगला भमरा में गत 18 जुलाई की रात देशराज सिंह पुत्र बनय सिंह जाट अपने परिवारी के लोगों के साथ मकान की छत पर निगरानी कर रहा था। अचानक हुई फायरिंग में उसके गोली कमर के हिस्से में जा लगी। इलाज के दौरान बाद में उसकी मौत हो गई। घटना को लेकर दूसरे दिन ग्रामीणों ने आगरा-जयपुर मार्ग पर ऊंचा नगला बॉर्डर पर कथित गिरोह के फायरिंग करने पर युवक की हत्या करने का आरोप लगाते हाई-वे जाम कर दिया। पुलिस ने जांच घटना स्थल की जांच, जिसमें गोली के एंगल को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। जिस पर पुलिस ने गहनता से जांच की, जिसमें गोली सामने से नहीं बल्कि पीछे से चलना मालूम हुआ। पुलिस ने जांच के बाद मंगलवार को पीछे से फायरिंग करने वाले आरोपी रामवीर पुत्र रतन सिंह जाट को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने फायरिंग करना कबूल लिया। आरोपी से पुलिस हथियार के बारे में पूछताछ कर रही है। जिस हथियार से फायरिंग की, वह उसके भाई का लाईसेंसी हथियार था। बताया जा रहा है कि घटना के बाद रामवीर व उसके परिजनों ने खेतों में चोर आने की अफवाह फैलाई जिससे कथित गिरोह पर पुलिस को फायरिंग करने का शक रहे। कार्रवाई टीम में एएसआई सुरेन्द्र सिंह, हैड कांस्टेबल ऐदल सिंह, चंद्रशेखर सिंह, रामेश्वर व कांस्टेबल जगदीश शामिल थे।


फॉरेंसिंक व वैज्ञानिक साक्ष्यों ने वारदात से उठाया पर्दा

वारदात के खुलासे में पुलिस को फॉरेंसिंक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, वैज्ञानिक साक्ष्य, क्राइम सीन और घटना का रीक्रियेशन की रिपोर्ट के आधार पर फायरिंग विपरीत दिशा से होना मालूम हुआ। जिस पर पुलिस ने गांव में लाईसेंसी हथियार वाले व्यक्तियों की जांच की। जिसमें आरोपी लापता था, पुलिस ने तलाश कर उसे पकड़ लिया और पूछताछ में उसने वारदात करना कबूल लिया।