
भिलाई. कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट पर बैठे भिलाई के बीएसपी कर्मी उमेश साहू ने मंगलवार को ६ लाख ४० हजार रुपए जीत लिए हैं। अगले पड़ाव का प्रसारण बुधवार को होना है। अब उन्हें एक सवाल परेशान करने वाला है, इसलिए वें लाइफ-लाइन 'जोड़ीदार लेंगे। लाइफ-लाइन से सवाल का जवाब खोजने में गल्र्स कॉलेज, दुर्ग के प्रोफेसर डॉ. डीसी अग्रवाल मददगार साबित होंगे। पहले दिन के टेलीकास्ट में उमेश ११वें सवाल तक पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि जब महानायक अमिताभ बच्चन ने उनसे पहला सवाल किया तो वह एक मुहावरा था। पूछा 'हार न मानने का सही अर्थ क्या है।
सवाल का जवाब देने के बाद ऐसा लगा जैसे वे कह रहे हों कि तुम्हें भी बहुत दूर तक जाना है। दूसरे पड़ाव में सवाल पूछा गया 'कौन सा धातु चांदी की तरह दिखता है। इस सवाल में मुझे उलझाया इसलिए सेट में बैठे लोगों की राय जानने लाइफ-लाइन 'ऑडियंस पोल इस्तेमाल की। जनता का मत सही निकला। अमिताभ से मिलना ही बड़ी बात है, मैंने तो रकम जीत ली। यह राशि पद्नामभपुर स्थित मनोहर शिशु केन्द्र के बच्चों पर खर्च करने का प्रण लिया है, जिसे अब पूरा करूंगा।
परिवार को भी नहीं बताया कितने रुपए जीते
उमेश ने कहा कि हर पार्टिसिपेंट को केबीसी के नियमों से ही चलना होता है। केबीसी से निर्देश मिले हैं कि जब तक शो का टेलीकास्ट नहीं हो जाता तब तक इस संबंध में कोई भी बात लीक नहीं की जाए। यही वजह है कि नाते-रिश्तेदार तो मैंने अब तक अपने परिवार के सदस्यों को भी यह नहीं बताया है कि शो में मैंने कितने रुपए जीते। बुधवार को जब सभी टीवी पर प्रसारण देखेंगे तो उन्हें खुद-ब-खुद इसकी जानकारी मिल जाएगी। हालांकि दर्जनों लोगों की तरफ से फोन और मुलाकात कर यही पूछा जा रहा है, लेकिन चाहकर भी उन्हें कुछ नहीं बता सकता।
बच्चों ने कहा था चयन हो जाएगा
विद्युत नगर निवासी उमेश ने पत्रिका के साथ अपनी खुशी को साझा कर बताया कि उनका चयन सोशल वर्क की वजह से हुआ है। इस कार्य से सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने केन्द्र के बच्चों से भी फोन पर बात की। यहां के बच्चों को पांच साल से वे फ्री में पढ़ा रहे हैं, लेकिन कोई बड़ी आर्थिक मदद करने का रास्ता उन्हें कौन बनेगा करोड़पति के जरिए ही नजर आया। वे कहते हैं पहले भी दो बार ट्राई किया था, लेकिन इस बार बच्चों की किस्मत से मेरा चयन हो गया और सीधे हॉट सीट तक पहुंच गया।
उमेश ने बताया कि जुलाई के पहले सप्ताह में उन्हें ऑडिशन देने दिल्ली बुलावा आया। तब वहां केबीसी की टीम ने पूछा कि अगर वे रकम जीतेंगे तो क्या करेंगे? उस वक्त उन्होंने मनोहर शिशु केन्द्र के बारे में बताया जिसमें माओवादी प्रभावित बच्चे रहते हैं और वे उनके लिए वह रकम खर्च करेंगे। बस फिर क्या था लीक से हटकर किए जा रहे इस सोशल वर्क को सभी ने पसंद किया और उनका चयन हो गया। अब बारी थी मुंबई की, जहां 22 अगस्त को एपिसोड की शूटिंग हुई। तब सदी के महानायक अमिताब बच्चन से उन्हें रूबरू होने का मौका मिला। अमिताभ ने जब इन बच्चों के बारे में सुना तो फोन पर उनसे बात भी की।
इससे पहले दुर्ग में उनके घर, मनोहर शिशु केन्द्र में सोनी टीवी की टीम भी आई थी और यहां से भी वीडियो लेकर गई है। उमेश वर्तमान में बीएसपी के प्रोजक्ट सेक्शन में डिप्टी मैनेजर है। उन्होंने सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर 10 से स्कूलिंग और बीआईटी दुर्ग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। 31 वर्षीय उमेश के पिता रोहित कुमार साहू नगर निगम भिलाई में सब इंजीनियर है। नके चेहरे पर नजर आती खुशी सेे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो सपना लेकर वे वहां तक पहुंचे थे शायद वह पूरा होते नजर आ रहा है।
केबीसी के हॉट सीट पर बैठे उमेश के खेल की शूटिंग पहले ही पूरी हो चुकी है। दोनों ही दिनों का प्रसारण जारी है। मंगलवार को जब रात के नौ बजे तो उमेश अपने परिवार के साथ घर पर अपना ही शो देख रहे थे। हर सही जवाब पर परिवार के सदस्यों के चेहरे खिल उठते। जब सवालों में उलझे तो परेशान भी हुए। परिवार के बड़ों ने उन्हें शाबाशी दी। आसपास के लोग भी उनके घर के पास जुट गए। रिश्तेदारों के लगातार फोन आते रहे, बधाइयां जारी रही।
Published on:
20 Sept 2017 11:28 am
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