एडीजी चाहर ने वर्ष 1983 में सहायक कमांडेंट सीधी भर्ती प्रक्रिया में BSF ज्वाइन किया था। बीएसएफ के सभी फ्रंटियर्स पर देश की सेवा करते हुए एक बेदाग रिकॉर्ड हासिल किया। नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ के महानिरीक्षक के रूप में कार्य किया।
छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर माओवादियों से पहली बार लडऩे उतरी सीमा सुरक्षा बल के जवानों का एडीजी चाहर ने तीन साल तक बखूबी नेतृत्व किया। एंटी नक्सल ऑपरेशन के अलावा आईजी एसटीसी कश्मीर में कार्य किया। एडीजी बनने से पहले कश्मीर आईजी के रूप में आतंकवादियों को धूल चटाया। गैलेंट वेल्लोर के लिए उन्हें सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार, विश्व सेवा पदक (वीएसएम) से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही पुलिस पदक और विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी वे सम्मानित हो चुके हैं।