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Air Pollution: सावधान! छत्तीसगढ़ के इस जिले में हवा सेहत के लिए महफूज नहीं, AQI 150 के पार, एंटी-स्मॉग गन बनी शोपीस

Air Pollution: हवा लोगों की सेहत के लिए सुरक्षित नहीं रह गई है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 के पार पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य मानकों के अनुसार हानिकारक श्रेणी में आता है।

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Pollution (photo:Freepik)

Pollution (photo:Freepik)

Air Pollution: भिलाई की हवा लोगों की सेहत के लिए सुरक्षित नहीं रह गई है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 के पार पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य मानकों के अनुसार हानिकारक श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों के अनुसार 100 से अधिक एक्यूआई में लंबे समय तक रहना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है।

हथखोज औद्योगिक क्षेत्र में एक्यूआई स्टेशन उद्योगों के समीप या चौक पर नहीं, बल्कि ऐसे मार्ग पर लगाया गया है जहां वाहनों की आवाजाही कम है। इसी तरह 32 बंगला क्षेत्र में स्टेशन के आसपास धूल से बचाव के लिए पेवर ब्लॉक लगाए गए हैं। सिविक सेंटर में लगाया गया स्टेशन चारों ओर से हरियाली से घिरा हुआ है। यदि ये स्टेशन बीएसपी मेन गेट या बोरिया गेट जैसे व्यस्त औद्योगिक इलाकों में लगाए जाते, तो हवा में मौजूद प्रदूषण की वास्तविक स्थिति सामने आ सकती थी।

हथखोज में चार दिन 100 से ऊपर AQI

  • इस माह हथखोज क्षेत्र में चार दिनों तक एक्यूआई 100 के पार दर्ज किया गया।
  • 7 दिसंबर: एक्यूआई 154
  • 13 दिसंबर: 108
  • 16 दिसंबर: 102
  • 17 दिसंबर: 104

विशेषज्ञों के अनुसार यह स्तर आम नागरिकों की सेहत के लिए उचित नहीं है। 1 से 5 तथा 12, 14 और 15 दिसंबर के एक्यूआई आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। नवंबर में सिविक सेंटर स्थित स्टेशन ने भी 100 से अधिक एक्यूआई दर्ज था।

70 लाख की एंटी-स्मॉग गन बनी शोपीस

नगर निगम, भिलाई द्वारा 70 लाख रुपए की लागत से खरीदी गई एंटी-स्मॉग गन पिछले सात महीनों से उपयोग में नहीं लाई गई है। हथखोज औद्योगिक क्षेत्र और राष्ट्रीय राजमार्ग पर धूल के कारण लोग बहुत परेशान हैं।

अधिक उत्सर्जन करने वाले उद्योगों की जांच की जा रही है। पर्यावरण विभाग ने नवंबर माह में ऐसे उद्योगों पर 1.40 लाख रुपए की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगाई है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। - डॉ. अनीता सावंत, क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण विभाग, दुर्ग संभाग

धूल, धुआं और रसायनों के संपर्क में लंबे समय तक रहने से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) हो सकती है। धूल की वजह से ब्रोंकाइटिस, एम्फिसिमा और अस्थमा के मरीजों की स्थिति और बिगड़ सकती है, खासकर डस्ट माइट एलर्जी वालों के लिए यह बेहद नुकसानदायक है। - डॉ. तन्मय जैन, सीनियर कंसल्टेंट, डीएनबी रेस्पिरेटरी मेडिसिन

तीन स्थानों पर लगाए गए हैं एक्यूआई स्टेशन

हवा की हकीकत से शहरवासी अनजान'

  • 32 बंगला टाउनशिप क्षेत्र
  • सिविक सेंटर भिलाई
  • हथखोज औद्योगिक क्षेत्र