73 माह हो गए अधूरा है वेतन समझौता,
भिलाई. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के शीर्ष यूनियन इंटक, सीटू, बीएमएस, एटक व एचएमएस के मुख्य पदाधिकारियों को कर्मियों ने खुला पत्र लिखा है। इसमें कर्मियों के लिए बनाए गए बोनस फार्मूले को रद्द करने और 73 माह से वेतन समझौता अटकने पर ध्यान देने की मांग की है।
73 माह हो गए अधूरा है वेतन समझौता
सेल में पिछले 73 माह से वेतन समझौता पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है। वेतन समझौते का एमओयू हुए 15 माह बीत चुका है। इसके कारण सेल कर्मियों का 39 माह का फिटमेंट एरियर 58 माह का पक्र्स एरियर, रात्री पाली भत्ता व नन सैचुअरिटी बेनिफिट पर भी 73 माह बीत जाने के बाद निर्णय नहीं हो पाया है।
रद्द किया जाए बोनस फार्मूला
पत्र में लिखा है कि 8 फरवरी 2023 को नई दिल्ली में सेल प्रबंधन व 5 एनजेसीएस यूनियन प्रतिनिधियों के मध्य सब कमेटी में बोनस फार्मूला पर चर्चा हुई। इस फार्मूले पर इंटक, बीएमएस, एचएमएस ने हस्ताक्षर किया। वहीं सीटू व एटक के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। टारगेट पूरा करने पर कुल 28,378 रुपए बोनस के तौर पर कर्मियों को दिया जाएगा। कर्मियों का कहना है कि इस्पात क्षेत्र की निजी कंपनियां भी टारगेट पूरा नहीं कर पाती है। सेल भी पिछले 10 साल में एक बार भी उत्पादन लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई है, तो ऐसे में 28,378 रुपए बोनस मिलना असंभव है। इस वजह से इस फार्मूले को रद्द किया जाए।
अधिकारी और कर्मचारी में फर्क
तीसरे पीआरसी रिपोर्ट के आधार पर अधिकारी वर्ग को पीबीटी का 5 फीसदी पीआरपी के रूप में मिला है। जो वित्त वर्ष 2021-22 का पीबीटी 16039 करोड़ के हिसाब से लगभग 802 करोड़ रुपए है। वहीं मात्र 28,000 रुपए बोनस के हिसाब से 50,000 कर्मियों में मात्र 140 करोड़ रुपए ही सेल पर भार आएगा। एक ही कंपनी मे कार्यरत 10,000 अधिकारी 802 करोड़ रुपए पीआरपी ले रहे हैं। 50,000 कर्मी महज 140 करोड़ रुपए से ही संतोष करें।