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ऐसी श्रद्धा किस काम की जो दूसरों की जान खतरे में डाले…

मंदिर में नोटिस लगाए जाने के बाद भी कुछ महिलाएं रविवार को पंचमी के दिन माता की गोदभराई की सामग्री लेकर मंदिर पहुंची।

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ऐसी श्रद्धा किस काम की जो दूसरों की जान खतरे में डाले...

नोटिस लगाए जाने के बाद भी कुछ महिलाएं मंदिर पहुंची

भिलाई. कोरोना वायरस से बचने देशभर में लॉक डाउन है। लोगों को घर पर रहने की सलाह दी जा रही है। नवरात्रि के पहले दिन से ही मंदिर के पट बंद हो गए, मस्जिदों और गुरुद्वारों में भी लोगों के आने पर पाबंदी लग गई। पर कुछ लोग ऐसे है जो शासन-प्रशासन के प्रयासों का मजाक बनाने में तुले हैं। मंदिर में नोटिस लगाए जाने के बाद भी कुछ महिलाएं रविवार को पंचमी के दिन माता की गोदभराई की सामग्री लेकर मंदिर पहुंची। जब पुजारी ने पट नहीं खोले तो दरवाजे के बाहर ही सामग्री रखकर चली गई। इधर देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अधिकांश देवी भक्तों ने घर पर रहकर ही अपनी श्रद्धा दिखाई। घर पर ही माता की तस्वीर को लाल चुनरी ओढ़ाकर फूलों से श्रृंगार किया और दिनभर भजन-कीर्तन में बिताया।


घर पर किया श्रृंगार
पंचमी पर रविवार को देवीभक्तों ने माता का लाल रंग का श्रृंगार किया। सूर्या अपार्टमेंट निवासी विभा भूटानी ने बताया कि हर वर्ष नवरात्रि पर उनके घर माता के विशेष भजनों का कार्यक्रम रखा जाता है,लेकिन इस बार लॉक डाउन के कारण वे अपने परिवार के साथ ही माता 9 दिनों तक पूजा कर रही है। रोजाना शाम को वे खुद ही भजन गाती हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को पंचमी पर उन्होंने माता का विशेष श्रृंगार किया और नैवेद्य भी अर्पण किया। वे कहती हैं कि हम सभी घर पर रहकर माता से केवल यही प्रार्थना कर सकते हैं कि इस संकट को जल्द से जल्द टाल सकें।

घर में ऑन लाइन दर्शन
कई देवी भक्तों ने चैत नवरात्रि में डोंगरगढ़ से लेकर वैष्णोदेवी मंदिर तक जाने का प्लान बनाया था,लेकिन लॉक डाउन की वजह से वे मंदिर तक नहीं पहुंच पाए। इसलिए अब ऑनलाइन दर्शन कर रहे है। देश के कई बड़े देवी मंदिरों से लाइव आरती के दर्शन भी कई चैनलों में कराए जा रहे हैं। दुर्ग निवासी मीना सिंह ने बताया कि उनके परिवार ने मार्च के आखिरी मे वैष्णोदेवी जाने के टिकट तीन महीने पहले ही करा लिए थे,लेकिन जब माता का बुलावा ही नहीं आया तो सब कैंसल हो गया। वे कहती हैं कि जैसे ही सब ठीक होगा वे पूरे परिवार के साथ माता के दर्शनों के लिए जाएंगे।
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