बताया जाता है कि इस तरह के विस्फोटक पदार्थ का वनांचल क्षत्रों में खूंखार जंगली जानवरों को मारने के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन यह विस्फोटक प्रदार्थ नगर के भीड़ वाले इलाके में कैसे आया, किसने लाया और आदमी के पहले कुत्ते की नजर कैसे पहले पड़ी यह जांच का विषय है। बहरहाल पुलिस जिंदा मिले विस्फोटक को फोरेंसिक जांच के लिए भेजी है।
विस्फोट के बाद भी कुत्ता करीब 15 मिनट तक जिंदा था
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मंदिर के पास शाम 5.30 बजे प्लास्टिक के जार में रखे मिनी विस्फोटक प्रदार्थ से कुत्ते की मौत हो गई। तेज आवाज से आसपास बैठे व्यापारी व अन्य दंग रह गए। घटना नगर में आग की तरह फैल गई। मौके पर गंडई पुलिस पहुंचकर घटना स्थल से लोगों को हटाया और उक्त विस्फोटक प्रदार्थ को अपने कब्जे में लिया। बताया गया कि विस्फोट के बाद कुत्ता करीब १५ मिनट तक जिंदा था।
बड़ा हादसा टला
प्लास्टिक के जार में रखे विस्फोटक को कुत्ता खाने-पीने की चीज (यानि हड्डी) समझकर उठा ले गया। जार को मंदिर के समीप रखकर खाने लगा। जैसे ही इसे वह चबाया इसके बाद उसके जबड़े में ही जोर की आवाज के साथ विस्फोट हो गया। इससे कुत्ते की मौत हो गई। जानकार बताते हैं कि यदि यह विस्फोटक किसी बाइक के नीचे आता तो बाइक भी उड़ जाती। बच्चे उठा लेते तो बड़ा हादसा हो सकता था।