
गणेश चतुर्थी 2023 : भिलाई में विराजे डिजिटल बाप्पा... कम्प्यूटर जनरेटेड फोटो के आधार पर बनी बाप्पा की मूर्ति
दुर्ग। Ganesh Chaturthi 2023 : मानव जीवन में कृत्रिम बुद्धिमता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की दखल तेजी बढ़ता जा रहा है। अब उत्सव, आयोजनों में भी इसकी एन्ट्री हो गई है। लिहाज इस बार बुद्धि के देवता भगवान गणेश की प्रतिमाओं के निर्माण में भी कृत्रिम बुद्धिमता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का जमकर उपयोग किया गया है।
गणेश व दुर्गा प्रतिमाओं के निर्माण के लिए पूरे देश में विख्यात शिल्पग्राम थनौद के मूर्तिकार लव चक्रधारी बताते है कि इससे पहले तक मूर्ति निर्माण के लिए समितियों से जुड़े लोग देवी-देवताओं की साधारण (प्रिंटेड) फोटो लेकर उनके पास पहुंचते थे और उसी के प्रतिरूप में प्रतिमाओं का निर्माण कराते थे, लेकिन इस बार कई समितियों के लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कम्प्यूटर जेनेरेटेड फोटो लेकर पहुंचे और प्रतिमाओं का निर्माण कराया। चक्रधारी ने बताया कि उन्होंने अकेले एक दर्जन से ज्यादा ऐसी प्रतिमाएं बनाई है। वहीं थनौदा में इस बार 40 वर्कशॉप में प्रतिमाओं का निर्माण किया गया। उन्होंने बताया कि हर वर्कशॉप में इसी तरह करीब दर्जनभर प्रतिमाएं इसी तरह की फोटोज के आधार पर बनाई गई है।
फोटो देखकर हूबहू बनाने में पारंगत
थनौद में चक्रधारी परिवार द्वारा करीब 100 साल से गणेश व दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। तीन पीढ़ियों से यह काम कर रहे चक्रधारी परिवार के लोग फोटो देखकर हूबहू प्रतिमा तैयार करने में पारंगत है। चक्रधारी परिवार की महिलाएं व बेटियां भी इस काम में मदद करती है। इसके अलावा इन परिवारों के साथ अन्य लोग भी इस कला के महारथी बन चुके हैं। थनौद में पूरे साल 40 वर्कशॉप में मूर्तियों का निर्माण होता है।
थनौदा भगवान गणेश के अलावा दुर्गोत्सव के लिए दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है। गणेश की प्रतिमाओं का काम खत्म होते ही अब मूर्तिकार दुर्गा की प्रतिमाओं के निर्माण में जुट गए हैं। लव चक्रधारी बताते हैं कि उनके पास इसी तरह एआई की मदद से तैयार दुर्गाजी की फोटो लेकर लोग प्रतिमा निर्माण के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि अकेले दुर्गाजी की 100 से ज्यादा प्रतिमा बनाते हैं।
दूसरों से अलग की चाह में एआई की मदद
मूर्तिकार लव चक्रधारी बताते है कि सामान्य फोटो के आधार पर तैयार देवी-देवताओं की प्रतिमाएं लगभग एक जैसी होती है। ऐसे में एक ही तरह की प्रतिमाएं कई जगहों पर हो जाती है। ऐसे में अलग की चाह में इस बार प्रतिमाओं के निर्माण के लिए एआई जेनेरेटेड फोटो का इस्तेमाल किया गया। इसमें प्रतिमाओं में भाव-भंगिमा, डिजाइन, रंगाई व साज-सज्जा मनचाहे ढंग से कराया जा सकता है। हालांकि इस तरह की प्रतिमा निर्माण थोड़ा श्रमसाध्य व महंगा होता है।
Published on:
22 Sept 2023 06:49 pm
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