scriptऐसा युवा प्रशिक्षक जो हिंदू-मुस्लिम के बीच दे रहा है मानवता का संदेश | Giving a Message of humanity between muslim and Hindus | Patrika News

ऐसा युवा प्रशिक्षक जो हिंदू-मुस्लिम के बीच दे रहा है मानवता का संदेश

locationभिलाईPublished: Jul 30, 2018 12:24:21 pm

गुरु श्री श्री रविशंकर से जुड़कर जगदलपुर के अमीन लीला की लाइफ भी कुछ ऐसी बदली कि अब वह सभी के बीच प्यार और खुशियों का संदेश लेकर जाते हैं।

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ऐसा युवा प्रशिक्षक जो हिंदू-मुस्लिम के बीच दे रहा है मानवता का संदेश

भिलाई. जीवन को जीने की कला जिसे भी आ गई, वह अपने धर्म और समाज के प्रति और भी ज्यादा जिम्मेदार हो जाता है। गुरु श्री श्री रविशंकर से जुड़कर जगदलपुर के अमीन लीला की लाइफ भी कुछ ऐसी बदली कि अब वह सभी के बीच प्यार और खुशियों का संदेश लेकर जाते हैं।
सकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩे का सलीका सिखाता है
10 साल से आर्ट ऑफ लिविंग के ट्रेनर बनकर 10 हजार से ज्यादा लोगों के बीच खुश रहने के तरीके बताकर उन्हें जिंदगी से जोड़ रहे हैं। भिलाई में प्रशिक्षण देने आए अमीन ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि उन्हें कई बार परिवार और समाज से विरोध भी सहना पड़ा पर बाद में सभी को यह समझ में आया कि आर्ट ऑफ लिविंग किसी धर्म से नहीं बल्कि सिर्फ इंसान को जिंदगी में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩे का सलीका सिखाता है। युवा अमीन कॉलेज से लेकर जेल तक लोगों को जीवन में हैप्पीनेस लाने का तरीका बता रहे हैं। उनका मानना है कि खुशियां पाने कोई भौतिक सुख की जरूरत नहीं, लेकिन यदि आप दिल से खुश हैं तो आपको सब कुछ अच्छा-अच्छा ही नजर आएगा। यही नजरिया हमें जीवन में शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाता जाएगा।
सबसे ज्यादा बदलाव कैदियों में आया
अमीन ने अब तक कॉलेज स्टूडेंट्स, एड्स पीडि़त, सेंट्रल जेल सहित बस्तर के माओवादी क्षेत्र में आर्ट ऑफ लिविंग की ट्रेनिंग दी। वे बताते हैं कि सबसे ज्यादा बदलाव कैदियों में आया। उनका मूल स्वभाव ही बदल गया और अब वे शांतऔर खुश रहने लगे हैं।
दिखाई जिंदगी की राह
अमीन बताते हैं कि जिंदगी को जीना आसान है पर लोगों के पास इसका तरीका नहीं है। उन्होंने जगदलपुर के एक युवा के बारे में बताया कि वह इतना डिप्रेशन में था कि सुसाइड करने चला गया। किसी तरह बच गया तो कुछ लोग उनके पास लेकर आए। तब उन्होंने उनसे सुदर्शन क्रिया और हैप्पीनेस कोर्स के सहारे डिप्रेशन से बाहर लाया। अब वह युवा अपनी बेहतर जिंदगी जी रहा है। अमीन बताते हैं कि 13 साल पहले वे भी इस दौर से गुजरे थे,लेकिन श्रीश्री से जुड़कर उनकी जिंदगी भी बदल गई।
यहां धर्म की नहीं मानवता की बात

अमीन ने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग को लेकर लोगों में गलतफहमी है कि यहां उन्हें धर्म से दूर किया जाता है,लेकिन ऐसा नहीं है। जब आपका मन शांत होगा और ध्यान में होगा तो आप अपने धर्म के और भी करीब हो जाते हैं। वे खुद इससे जुडऩे के बाद ज्यादा अपने धर्म के प्रति समॢपत हो गए हैं।
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