अधिवक्ता अर्जुन सिंह ने बताया कि निमिष अग्रवाल के खिलाफ उसकी पत्नी रुही अग्रवाल ने सुपेला थाना में दहेज मांगे जाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर कराया है। पुलिस ने निमिष और उसके परिवार के सदस्यों को आरोपी बनाया है। एफआईआर ७ मई २०१६ को प्रताडि़त करने और दहेज की मांग करने और दहेज लेने की धारा के तहत दर्ज किया गया। @Patrika.वर्तमान में इस प्रकरण में वह जमानत लिया है। उद्योगपति निमिष ने न्यायाधीश के समक्ष पक्ष रखते कहा कि उसके पत्नी रुही और ससुर ने दहेज देने की बात स्वीकार की है। अगर उन्होंने दहेज दिया है तो यह भी अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए उनके ऊपर भी अपराध दर्ज होना चाहिए। न्यायालय ने इस आधार को सही ठहराया।
1.परिवादी प्रस्तुत करने वाले निमिष ने परिवाद पत्र के साथ सुपेला थाना में दर्ज एफआईआर को मुख्य दस्तावेज के रुप में प्रस्तुत किया। जिसमे रुही और विजय अग्रवाल ने स्वीकार किया है कि उन्होंने निमिष के परिवार वालों की मांग पर दो करोड़ सिगरेट कंपनी के खाते में जमा किया। वहीं ६० लाख का चेक दिया।
2. रुही ने महिला एवं बाल विकास विभाग के समक्ष घरेलू हिंसा के तहत आवेदन प्रस्तुत की थी। आवेदन में भी रुही ने दहेज देने की बात को स्वीकार की है। साथ ही १६४ के बयान में भी रुही ने दहेज देने की बात को स्वीकार किया है।
निमिश व रुही दोनों शहर के उद्यमी परिवार से है। दोनों का विवाह गुडग़ांव हरियाणा में १६ जनवरी २००७ को हुआ है। विवाह के कुछ साल बाद ही दोनों के बीच वैचारिक मदभेद होना शुरू हो गया था। वर्ष २०१५ में विवाद गहराने पर मामला थाना पहुंचा और सुपेला पुलिस ने निमिष के परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। रुही की साढ़े ५ साल की एक बेटी भी है। जिसे अपने पास रखने निमिष ने न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया है।