
BSP bhilai
भिलाई . रिसाली का बीएसपी स्कूल पूरे देश में नाम कमाते-कमाते रह गया। दरअसल यहां 'भूगोल पार्कÓ बनाया जाना था। स्कूल में पार्क का निर्माण साल २००२ में प्राचार्य एमके तिवारी और भूगोल के प्राध्यापक एमके श्रीवास्तव की मौजूदगी में शुरू हुआ। इसे बेहतर बनाने के लिए कई तरह के जियोग्राफिकल इक्यूपमेंट्स लगाए जाने की तैयारियां की गई। कुछ इक्यूपमेंट्स लगाए भी गए। साल २००६ तक यह योजना बेहतर तरीके से संचालित होती रही। धीरे-धीरे ही सही लेकिन इसका असर दिखाई दे रहा था। छात्र-छात्राएं भूगोल और उससे जुड़े तथ्यों को मॉडल के रूप में देखकर बेहतर तरीके से सीख रहे थे। लेकिन 2006 के अंत तक इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
एमडी ने कहा था पूरा करो निर्माण
पार्क के संबंध में बीएसपी के तत्कालीन एमडी ने २००७ में संबंधित अधिकारियों को इसके निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए निर्देशित किया। पत्र के माध्यम से कहा गया कि पार्क निर्माण को अप्रूवल दिया जा रहा है। इसके लिए एक कमेटी बनाई जाए जो निर्माण कार्य का जायजा लेने के साथ-साथ इसके लिए बेहतर मार्गर्शदन देगी। कमेटी में सिविल इंजीनियर और आर्किटेक्ट शामिल थे।
फिर अधिकारियों ने क्यों की टालमटोल
इस कमेटी को पार्क के संबंध में सही निर्णय लेने के लिए बनाया गया था, लेकिन कमेटी की बैठक के दिन कुछ और ही निर्णय ले लिए गए। बैठक में मौजूद सिविल इंजीनियर और आर्किटेक्ट ने स्कूल की जगह का हवाला देते हुए कह दिया कि पार्क बनाने के लिए स्कूल कम्पाउंड की जगह पर्याप्त नहीं होगी। इससे सिर्फ स्कूल के बच्चों को ही फायदा होगा। ज्यादा लोग इससे नहीं जुड़ पाएंगे। जबकि प्राचार्य और प्राध्यापक कुछ नहीं कह पाए। इंजीनियर्स की टीम ने निर्णय की रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेज दी।
रिपोर्ट में कहा सिविक सेंटर में बनाएंगे
अधिकारियों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि भूगोल पार्क को रिसाली स्कूल में बनाने के बजाए शहर के सेंट्रल प्लेस यानि सिविक सेंटर या सिविक सेंटर लाइब्रेरी के समीप पड़ी खाली जगह का उपयोग कर बनाया जाए। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभांवित हो सके। रिपोर्ट में इसके लिए उचित जगह के निर्धारण की भी बात कही गई।
न जमीन मिली, न पूरा हुआ अधूरा निर्माण
बीएसपी के अधिकारियों को इतने बड़े सिविक सेंटर में भूगोल पार्क बनाने के लिए जमीन नजर नहीं आई। जबकि स्कूल में हो रहे निर्माण कार्य को भी अधूरे में बंद करवाया गया। मजेदार बात यह है कि छोटे-छोटे अवॉर्ड के लिए जमीन-आसमान एक कर देने वाले बीएसपी प्रबंधन ने देश का पहला भूगोल पार्क बनाने के सपने को दफ्ऱ कर दिया। वर्तमान में स्कूल बीएसएफ के जिम्मे है।
क्या होता फायदा
यदि यह पार्क बनता तो भिलाई भूगोल पार्क वाला पहला शहर होता। भूगोल की बारीकियां रटने के बजाए मॉडल के जरिए बेहतर समझ पाते। प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सवालों की तैयारियां भी इससे आसान हो जाती।
Published on:
25 Jan 2020 02:17 pm
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