
प्लॉट खरीदने जा रहे हैं तो सावधान नियमों को ताक पर रखकर हो रही प्लॉटिंग
भिलाई@Patrika. शहर में जमीन खरीदने की सोच रहे हैं तो पहले आप प्रोजेक्ट के बारे में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से पूछताछ जरूर कर लीजिए, नहीं तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। नगर पालिक निगम प्रशासन ने भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट की नियमों की अनदेखी कर कुरुद, कोहका, खम्हरिया, जुनवानी और धनोरा रोड रिसाली क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया है। बगैर ले-आउट के कृषि जमीन की खरीदी-बिक्री, प्रतिबंधित क्षेत्र हाईटेंशन तार के नीचे प्लॉटिंग, निकासी नाला, मास्टर प्लॉन में प्रस्तावित रोड की जमीन पर प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही ऐसे जमीन मालिक या डेवलपर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रेरा के आदेश पर रियल एस्टेट का कारोबार करने वालों की सूची
निगम प्रशासन ने रेरा के आदेश पर पांच महीने पहले रियल एस्टेट का कारोबार करने वालों की सूची बनाई थी। सर्वे कर जमीन मालिक का नाम, बिल्डर, प्रमोटर का नाम, एजेंट का नाम, प्रोजेक्ट का नाम, प्रोजेक्ट/आवासीय/व्यावसायिक, प्रोजेक्ट का रकबा, निवेश क्षेत्र, ग्राम एवं नगर निवेश से जारी ले आउट स्वीकृत है या नहीं सहित कुल १४ बिन्दुओं पर जानकारी जुटाई गई थी। तब जुनवानी, जेवरा रोड कोहका, मेडिकल कॉलेज रोड कुरुद, कैलाश नगर, जवाहर नगर, रिसाली, क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग के मामले सामने आए थे। कैलाश नगर कुरुद और कोहका में १३३ केवीए (हाईटेंशन तार के) नीचे प्लॉटिंग होना पाया है। जवाहर नगर और कोहका में तेल्हा नाला के पास की निजी जमीन के साथ शा.जमीन पर प्लॉटिंग कर बहाव को प्रभावित करने की रिपोर्ट सामने आई है।
निगम के रिकॉर्ड में 70 बिल्डर पंजीकृत
निगम में ७० बिल्डर पंजीकृत है। इन लोगों ने रेरा के गठन से पहले शहर में १०४ आवासीय कॉलोनियां बसाई है। पंजीकृत बिल्डर/ डेवलपर के कुछ प्रोजेक्ट्स डिले चल रहे हैं, लेकिन सभी आवासीय प्रोजेक्ट्स टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट और नगर पालिक निगम के भवन अनुज्ञा विभाग की स्वीकृति के बाद कॉलोनियां बसाई गई है। ये कॉलोनियां खम्हरिया, जुनवानी, स्मृति नगर, कोहका औद्योगिक क्षेत्र हाउसिंग बोर्ड, शांति नगर, रिसाली क्षेत्र में है।
... तो मुआवजा भी नहीं मिलेगा
मास्टर प्लॉन में ३५ फीट, १०० फीट तक चौड़ा रोड प्रस्तावित है। मास्टर प्लॉन लागू के होने के बाद यदि रोड निजी जमीन के अंदर आता है तो शासन प्रभावित जमीन का मुआवजा भी नहीं देगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने दो साल पहले आदेश जारी कर यह स्पष्ट कर दिया था कि अवैध कॉलोनियों में रोड, नाली और बिजली के जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के दौरान निजी जमीन प्रभावित होती है तो उसका मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
धोखाधड़ी से बचाने रेरा का गठन
जमीन और आवास की खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी और अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगाने शासन ने रेरा का गठन किया है। १ मई २०१७ को रेरा अस्तित्व में आया। अधिनियम-२०१६ के मुताबिक शहरी क्षेत्र में रियल एस्टेट का कारोबार करने वाले डेवलपर्स,बिल्डर्स को प्रोजेक्ट्स शुरू करने से पहले रेरा में पंजीयन अनिवार्य किया है। अब तक रेरा में प्रदेश से ९३५ प्रोजेक्ट्स पंजीकृत है। इसके अलावा प्रमोट्र्स के ६०६ और एजेंट के ३४१ प्रोजेक्ट पंजीकृत है।
अवैध प्लाटिंग के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का निर्णय
इस संबंध में निगम आयुक्त एसके सुंदरानी का कहना है कि बगैर ले-आउट एप्रुवल वाले भूखंड खरीदने से लोगों को परेशानी होती है। जमीन खरीदने से पहले ले-आउट और डायवर्सन के बारे में पूछताछ करें। इसके बाद ही सौदा करें। निगम और टाउन कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट की टीम अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई के साथ एफआइआर दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
Published on:
10 Feb 2019 10:39 pm
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